नई दिल्ली: भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ का तीसरा मैच आज राजकोट में शुरू हुआ, जिसमें टीम इंडिया के लिए एक अप्रत्याशित मोड़ आया।
टीम इंडिया को शुरुआत में ही झटका लग गया और उसने 33 रन के मामूली स्कोर पर ही अपने तीन अहम विकेट गंवा दिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना 2017 के बाद से नहीं हुई थी, जो स्थिति के महत्व को उजागर करती है। यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल और रजत पाटीदार ने अपने बल्लेबाजी प्रदर्शन से निराश किया।
पिछले मैच में दोहरा शतक लगाने वाले सलामी बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल केवल दस रन बनाकर इंग्लैंड के मार्क वुड का शिकार बन गए। वुड, जिन्होंने छह महीने से कोई विकेट नहीं लिया था, ने आखिरकार इस आउट के साथ अपना सूखा दौर तोड़ दिया। जुलाई 2023 के बाद यह उनका पहला टेस्ट विकेट था, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण क्षण था।
आखिरी बार टीम इंडिया ने घरेलू मैदान पर 2017 में श्रीलंका के खिलाफ 35 रन के भीतर तीन विकेट गंवाए थे, जिससे यह घटना वास्तव में दुर्लभ हो गई थी। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे शुभमन गिल ने बल्ले से अपना संघर्ष जारी रखा और नौ गेंदों का सामना करने के बाद रन बनाने में असफल रहे और वुड की गेंद का शिकार बने। अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे रजत पाटीदार ने आउट होने से पहले सिर्फ पांच रन का योगदान दिया।
शुरुआती झटकों के बावजूद, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने पारी को स्थिर करने और टीम को आगे बढ़ाने के लिए कदम बढ़ाया। उनकी साझेदारी का उद्देश्य अंग्रेजी गेंदबाजी आक्रमण द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करना और टीम इंडिया को मैच में प्रतिस्पर्धी स्थिति में लाना था।