हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने डेब्यू मैच में ऐसा प्रदर्शन करे कि वह प्रदर्शन उसके लिए उसके लिए यादगार बन जाए। बल्लेबाजों के लिए अपने पहले ही मुकाबले में जहां शतक बनाने का सपना होता है तो वहीं गेंदबाजों की उम्मीद ज्यादा से ज्यादा विकेट हासिल करने की होती है, लेकिन हर किसी को कामयाबी इतनी जल्दी नहीं मिलती है।
डेब्यू पर कारनामा
कुछ कामयाबी का स्वाद चखते हैं तो कोई निराश और हताश जो जाता है। ऐसा ही एक भारतीय खिलाड़ी था, जिसने अपने डेब्यू मुकाबले में ऐसा रिकॉर्ड बनाया था जिसे आज तक कोई भी गेंदबाज़ नहीं तोड़ सका है। इस गेंदबाज़ ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 16 विकेट हासिल कर हर किसी को हैरान होने पर मजबूर कर दिया था। यह गेंदबाज़ कोई और नहीं बल्कि भारतीय टीम के लेग स्पिनर नरेंद्र हिरवानी हैं, जिन्होंने अपने पहले मुकाबले में ही दुनिया में अपनी एक अलग छाप छोड़ी थी।
दरअसल, मध्य प्रदेश के रहने वाले नरेंद्र हिरवानी 16 साल की उम्र में एमपी की रणजी टीम में शामिल हुए थे। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में लाजवाब प्रदर्शन करने के बाद उन्हें 1988 में वेस्टइंडीज की टीम के खिलाफ घरेलू सीरीज में भारतीय टीम का हिस्सा बनाया गया था। 19 साल की उम्र में हिरवानी को चेन्नई में हुए चौथे टेस्ट मुकाबले के लिए भारतीय टीम की प्लेइंग 11 में जगह मिली और इस युवा गेंदबाज ने विंडीज टीम के बैटिंग ऑर्डर को बुरी तरह से तितर-बितर कर दिया था।
हिरवानी ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में ऐसा रिकॉर्ड स्थापित किया जिससे वेस्टइंडीज की टीम ही नहीं, बल्कि हर कोई दंग रह गया। पहली पारी में उन्होंने 18.3 ओवर की गेंदबाज़ी करते हुए 8 विकेट अपने नाम किए और इस दौरान उन्होंने महज़ 61 रन खर्च किए थे। इसके बाद भी हिरवानी की रफ्तार थमी नहीं, बल्कि दूसरी पारी में भी उन्होंने वेस्टइंडीज के 8 बल्लेबाज़ों को पवेलियन का रास्ता दिखाया था।