नई दिल्ली। एक बार फिर देशभर में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर हलचल तेज हो गई है। उत्तराखंड में (6 फरवरी 2024) को पुष्कर सिंह धामी ने ‘समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024’ विधेयक को विधानसभा में पेश किया था, जिसके बाद इसकी चर्चाएं तेज होती हुई दिख रही है। अब इसी बीच यूसीसी को लेकर टीएमसी के नेता साकेत गोखले ने भारतीय जनता पार्टी को घेरा है। 6 फरवरी, 2024 को उन्होंने यूसीसी के तहत लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए लाए गए नियमों की आलोचना करते हुए कहा है कि अब क्या भाजपा ने लोगों के बेडरूम में कदम रख दिया है।
टीएमसी नेता के आरोप
माइक्रो ब्लॉगिंग मंच एक्स पर टीएमसी नेता के हैंडल से लिखा गया, “इस प्रावधान का यह भी मतलब है कि साथ रहने वाले पुरुष और महिला को यह साबित करना होगा कि वे लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं हैं। कुछ पागल अगर शिकायत दर्ज कराते हैं तो ऐसे लोग मुश्किल में पड़ जाएंगे। उन्होंने आगे लिखा – भाजपा ने अब आपके शयनकक्षों में कदम रख दिया है और जब चाहे आपकी जांच कर सकती है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लेकर टीएमसी के नेता साकेत गोखले का संघर्ष जारी है। उन्होंने बीजेपी को यूसीसी के तहत लाए गए नियमों के माध्यम से लोगों के निजी जीवन में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही, उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म पर बीजेपी के नए नियमों का मजाक भी बनाया है।
This shocking provision also means that a man & a woman merely living together will have to prove that they’re NOT in a live-in relationship in case some vigilante or lunatic files a complaint.
BJP has now stepped into your bedrooms & can investigate you whenever it feels like. pic.twitter.com/OvN0kgVQRV
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) February 6, 2024
महिला सुरक्षा में विफल रही उत्तराखंड सरकार: कांग्रेस सांसद का आरोप
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, “उत्तराखंड सरकार राज्य में महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था समेत सभी मुद्दों पर विफल रही है। यूसीसी उसी विफलता पर पर्दा डालता हुआ दिख रहा है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तराखंड में हार का मुंह देखना पड़ेगा.”
यूसीसी में लिव-इन को लेकर क्या है?
उत्तराखंड में यूसीसी के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति बिना बयान दर्ज कराए एक महीने से ज्यादा समय बिना शादी किये लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है तो उन्हें दंडित किया जा सकता है और तीन महीने तक की जेल या 10 हजार रुपये का जुर्माना हो होता है।