नई दिल्ली। देशभर में सोने की कीमतों (Gold Price Rise) में लगातार ही उछाल देखने को मिल रहा है। एक वक्त ऐसा हुआ करता था जब 24 कैरट वाले गोल्ड (Gold price) की कीमत 60 हजार रुपये के आसपास हुआ करती थी, लेकिन अब उछाल के बाद 69 हजार रुपये के पार पहुंच गई है।
सोने के भाव देखने के बाद खरीदार के हाथ – पाव फूलने लगे हैं। अब लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिरी सोने की खरीदारी कैसे और कब करें। पिछले कुछ दिनों लगातार ही गोल्ड के भाव में इजाफा देखने को मिल रहा है। आज एमसीएक्स पर फिर से सोने और चांदी के दामों में तेजी देखने को मिली है।
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लाइव हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, जून 5 को सोने का वायदा भाव 69805 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है, वहीं, चांदी की रफ्तार कम होती थोड़ी दिखी। इसकी कीमतें अब 80000 के करीब पहुंच चुकी हैं। बता दें, आज सुबह के कारोबार में चांदी 79411 रुपये प्रति किलो के भाव पर ट्रेंड करती हुई दिख रही थी। तो चलिए आज हम आपको यहां बताते हैं कि आखिर क्यों सोने की कीमतों में इतना तेजी देखने को मिल रहा है।
आखिर क्यों तेजी से बढ़ रहे सोने के भाव
केडिया कमोडिटीज के अध्यक्ष अजय केडिया के मुताबिक, फरवरी में दुनिया भर के देशों के केंद्रीय बैंकों के सोने का भंडार 19 टन बढ़ा है, जो लगातार नौवें महीने से बढ़ोतरी का रुझान है। तकनीकी रूप से देखें तो सोना अभी अधिक खरीदते हुए लोग नजर आये हैं। हालांकि सोने में लंबे समय तक तेजी के रुझान को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन तकनीकी रूप से इसमें कुछ गिरावट की भी आशंका है।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी का बाजार पर असर
हालांकि, फरवरी में हुई खरीदारी जनवरी के कुल 45 टन की तुलना में 58% कम है। सालाना आधार पर देखें तो केंद्रीय बैंकों ने जनवरी और फरवरी में 64 टन सोना खरीदा, जो 2022 की तुलना में चार गुना अधिक है।
सबसे ज्यादा सोना खरीदने वाला चीन का पीपुल्स बैंक रहा, जिसने लगातार 16वें महीने अपने सोने के भंडार को बढ़ाकर 2,257 टन कर लिया है। कजाखस्तान के नेशनल बैंक ने फरवरी में अपने सोने के भंडार में 6 टन की बढ़ोतरी की, जिससे कुल होल्डिंग 306 टन से अधिक हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक के सोने के भंडार में भी फरवरी में 6 टन की वृद्धि हुई है, जिससे उसकी वार्षिक खरीद 13 टन से अधिक और कुल सोना भंडार 817 टन हो गया है।
एमसीएक्स पर पिछले 6 महीनों में गोल्ड की कीमतों में लगभग 23% का इजाफा देखने को मिला है। कॉमेक्स पर भी सोने में छह महीनों में लगभग $500 प्रति औंस की तेजी आई है।
केडिया का कहना है कि सोने की कीमतों में तेजी की वजह से महंगी संपत्ति खरीदना आम आदमी के लिए बहुत ही अधिक मुश्किल होने वाला है। वहीं, सोने को समर्थन देने के लिए ब्याज दरों में भी कमी नहीं दिख रही है। सोने की कीमतों के बढ़ने का एक कारण यह भी है कि मजबूत होता अमेरिकी डॉलर एक अधिक लाभदायक सुरक्षित आश्रय के रूप में उभर रहा है।