नई दिल्ली -वर्तमान समय में बीजी लाइफस्टाइल और खानपान के बदलाव के चलते बहुत से लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं और अब डायबिटीज भी अन्य बीमारी की तरह सामान्य बीमारी बन गई है। पहले जहां बीमारी सिर्फ बुजुर्ग लोगों में ही सुनने को मिलती थी वहीं अब हर उम्र के युवाओं महिलाओं एवं बच्चों में आसानी से डायबिटीज के साथ-साथ अन्य बीमारी सुनने को मिल जाते हैं।
डायबिटीज महिला और पुरुष दोनों को ही हो सकती है लेकिन यह महिलाओं के लिए ज्यादा हानिकारक होती है, इसलिए जब भी मधुमेह से संबंधित महिलाओं में लक्षण नजर आए तो उन्हें इग्नोर ना करें। डायबिटीज से महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ,लेकिन महिलाएं इन समस्याओं को कंट्रोल भी कर सकती हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक रिसर्च में यह पाया गया है कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मधुमेह का इतिहास रहता है, वह हेल्दी लाइफ़स्टाइल को अपनाकर अपने डायबिटीज के समस्या को ठीक कर सकती है।
लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
अध्ययन के अनुसार मधुमेह के खतरे को कम करने के लिए महिलाओं को अपनी लाइफस्टाइल में पांच बातों पर खास ध्यान देना चाहिए। वजन, हेल्दी आहार, रोजाना योग और व्यायाम करना, शराब का सेवन ना या पिर कम करना और धूम्रपान से दूर रहना। रिजल्ट से पता चला कि अपनी जीवनशैली में इन चीजों को अपनाने वाली महिलाओं में शुगर का खतरा 90 प्रतिशत तक कम था। यह जीवनशैली उन लोगों के लिए भी प्रभावी था जो ज्यादा वजन वाले थे या जैनेटीक रूप से टाइप 2 मधुमेह के खतरे में थे।
4 हजार से अधिक महिलाओं का रिसर्च के लिए चुना गया ता
वैसे अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली आवश्यक है और यह हमें शुगर के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। लेकिन इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि क्या यह प्रेग्नेंसी के दौरान शुगर के इतिहास वाली महिलाओं पर भी लागू होता है। रिसर्चर ने अपने अध्ययन के लिए उन 4,275 महिलाओं का चुनाव किया जिन्हें गर्भावस्था के दौरान मधुमेह का इतिहास था।
अधिक वजन वाली महिलाओं में भी प्रभावी
रिसर्च में परिवर्तन 28 सालों में मापा गया था। इन 28 सालों के दौरान, 924 महिलाओं ने टाइप 2 शुगर का बीमारी पाया गया, जबकि अन्य सभी महिलाएं जिन्होंने विशेष रूप से उन सभी पांच नियमों का पालन किया, उनमें टाइप 2 मधुमेह का जोखिम 90 प्रतिशत से कम था। मधुमेह के लिए जिम्मेदार कारणों में बदलाव का असर अधिक वजन वाली महिलाओं पर भी पड़ा है।