लखनऊ: मेरठ में सौरभ हत्याकांड (Saurabh murder case) इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इस हत्याकांड ने आम लोगों के साथ-साथ दुकानदारों में भी दहशत और भय का माहौल पैदा कर दिया है। दरअसल, मेरठ में सौरभ राजपूत की पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने अपने पति की हत्या कर शव को नीले रंग के ड्रम में भर दिया और ड्रम को सीमेंट से सील भी कर दिया। इस घटना के बाद व्यापारियों ने ड्रम खरीदने वालों को लेकर चिंता जताई है। व्यापारी अब इस नीले रंग के ड्रम को बेचने से डर रहे हैं।

पहचान पत्र दिखाने के लिए कह रहे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब विक्रेता इन नीले ड्रमों को खरीदने से पहले ग्राहकों से उनका पहचान पत्र दिखाने के लिए कह रहे हैं। इसका मतलब यह है कि अब जो भी इन नीले ड्रमों को खरीदेगा, उसे दुकानदार को अपनी पहचान बतानी होगी। ड्रम खरीदते समय उसे अपना आधार कार्ड लेकर दुकान पर जाना होगा। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा, “अगर कोई नीला ड्रम खरीदना चाहता है, तो हम अब पूछते हैं कि उसे इसकी क्या ज़रूरत है।” “हम पहचान पत्र भी मांगते हैं। पूरा कारोबार प्रभावित हुआ है। लोग अब नीले ड्रम खरीदने से डरने लगे हैं।”

रोक लगनी चाहिए

नीले रंग के ड्रम का इस्तेमाल: एक तरफ तो यह नीला ड्रम कई सालों से लगभग हर परिवार में इस्तेमाल होता आ रहा है। लेकिन अब इस हत्या के बाद इस ड्रम की छवि में काफी बदलाव आया है। इस मामले में सोशल मीडिया पर खूब मीम्स बन रहे हैं। मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से आधार कार्ड देखकर ड्रम बेचने की खबरें आ रही हैं। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इस मामले में एक युवक की जान चली गई है। इसलिए इस तरह के मीम्स नहीं बनने चाहिए। इन पर रोक लगनी चाहिए।

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