लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. वहीं इसके बाद अब संभल की दरगाह जनेटा शरीफ (Janeta Sharif Darga) को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दावा किया गया है कि तहसील चंदौसी क्षेत्र के गांव जनेटा में सदियों पुरानी दरगाह शरीफ सरकारी जमीन पर है। जनेटा गांव के जावेद नाम के व्यक्ति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है और अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि शाहिद नाम के व्यक्ति ने जनेटा में दादा मौजामिया शाह की मजार और कई अन्य मजारों से जुड़ी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है।
संपत्ति के रूप में दर्ज नहीं
वहीं ग्रामीण का कहना है कि दरगाह पर मेला लगाकर अवैध वसूली की जाती है। संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने चंदौसी के बनियाखेड़ा विकास खंड की जनेटा ग्राम पंचायत में स्थित एक दरगाह की जमीन पर अवैध कब्जे और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं, जिसके बाद जांच शुरू हो गई है। चंदौसी के तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जनेटा गांव की दरगाह को लेकर प्रशासन को पहले भी शिकायतें मिली थीं।
प्रशासन ने मुतवल्ली से दस्तावेज मांगे थे, मुतवल्ली ने दस्तावेज उपलब्ध कराकर बताया है कि यह वक्फ संपत्ति है। उन्होंने बताया कि यह संपत्ति उनके राजस्व अभिलेखों में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज नहीं है। जांच के बाद पता चला है कि राजस्व अभिलेखों में यह कहीं भी वक्फ संपत्ति नहीं है, बल्कि यह दरगाह के नाम दर्ज है और चकबंदी में भी यह दरगाह के नाम दर्ज थी, जबकि दावेदारों का कहना है कि यह वक्फ संपत्ति है।
मेला स्थगित करना पड़ा
अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि कब्जा कैसे और किस आधार पर है और दरगाह किसकी जमीन पर बनी है। गांव जनेटा में आस्ताना आलिया कादरिया नौशाहिया दरगाह है, इस दरगाह के मुतवल्ली गांव के ही डॉ. सैयद शाहिद मियां हैं। जनेटा दरगाह को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। यहां हर साल चार दिवसीय मेला लगता है। जिसमें जिले के अलावा अन्य शहरों से भी दुकानदार रोजगार के लिए आते हैं। इस बार मेले से महज पांच दिन पहले मेले को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद प्रशासन ने धारा 63 का हवाला देते हुए मेला लगाने की अनुमति नहीं दी और दरगाह कमेटी को मेला स्थगित करना पड़ा।
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