India vs Bangladesh 2nd Test: भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरा टेस्ट मैच मुकाबला चल रहा है, जिसमें टीम इंडिया को जीतने के लिए 145 रनों का लक्ष्य मिला है। जिसमें 45 रन बनाकर चार बल्लेबाज पवेलियन की ओर रवाना हो गए हैं। आपको बता दें कि 25 साल पहले दिग्गज बल्लेबाज जैसे सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ 120 रन का लक्ष्य प्राप्त करने में नाकामयाब रहे थे।
बांग्लादेश के खिलाफ खेल रही भारतीय टीम टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में मुश्किल में नजर आ रही है। भारतीय टीम को मीरपुर में चल रहे टेस्ट मैच की आखरी पारी में जीत के लिए 145 रनों का का लक्ष्य मिला है। तीसरे दिन का मैच खत्म होने तक भारत ने 45 रन 4 विकेट के नुकसान पर बनाए थे। चार खिलाड़ी है केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली और शुभमन गिल जो आउट हो गए हैं। अभी भारतीय टीम की तरफ से मैदान में अक्षर पटेल और जयदेव उनादकट खेल रहे हैं।
जिसमें भारतीय टीम को अभी जीतने के लिए 100 रनों की जरूरत है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी की उम्मीद बल्लेबाज विकेटकीपर ऋषभ पंत और भारतीय खिलाड़ी श्रेयस अय्यर से लगी हुई है। दोनों ही बल्लेबाजों ने बांग्लादेश के खिलाफ पहली पारी में अर्ध शतक बनाया था। लेकिन भारतीय टीम इससे पहले टेस्ट मैच में इससे भी छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए मुकाबला हार चुकी है, जिस वजह से दर्शकों के भीतर इस मैच को खोने का डर बना हुआ है। जबकि उस मैच में बड़े और दिग्गज खिलाड़ी जैसे सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली भी टीम का हिस्सा थे।
120 रन का लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पाई थी टीम
भारतीय टीम 1997 में वेस्टइंडीज के दौरे पर थी। जिसमें दोनों टीमों के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच ब्रेजटाउन में हुआ था। जिसमें भारत के खिलाफ वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन बनाए थे। जिसमें बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपाल ने 137 रन अपनी टीम को दिलाए इस मैच में भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 319 रन बनाकर वेस्टइंडीज से 21 रनों की बढ़त हासिल की थी। इस मैच में कप्तानी की जिम्मेदारी सचिन तेंदुलकर पर थी और उन्होंने 92 रन टीम को दिलाए थे इसके बाद द्रविड़ ने 78 रनों की पारी खेली थी।
जिसके बाद दूसरी पारी में भारतीय टीम के गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज की टीम को 140 रनों पर ही ढेर कर डाला था। जिसमें बल्लेबाज ब्रायन लारा ने 45 रन बनाए थे। खिलाड़ी अबे कुरुविला ने 5 विकेट अपनी टीम को दिलाए और गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने 3 विकेट चटकाए थे। जिसके बाद टीम इंडिया को वेस्टइंडीज से जीतने के लिए 120 रनों का लक्ष्य मिला था। उस समय के दिग्गज बल्लेबाजों से यह छोटा लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया था, 81 रनों पर ही भारतीय टीम ढेर हो गई थी। जिसमें 10 बल्लेबाज ऐसे भी थे जो के ढाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाए। इस मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण थे जिन्होंने अपनी पारी में 19 रन बनाए और फिर पवेलियन की ओर रवाना हो गए। आपको बता दें यह हार टीम इंडिया कि सबसे से शर्मनाक हारों में से एक मानी जाती है।
कमरे में बंद रहे बड़े बल्लेबाज
इस मैच को हारने के बाद टीम के कप्तान सचिन तेंदुलकर ने अपने आप को 2 दिनों तक कमरे में बंद कर लिया था। इस मैच का जिक्र सचिन तेंदुलकर ने अपनी ऑटो बायोग्राफी में भी क्या हुआ है।पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपनी ऑटो बायोग्राफी में लिखा है कि ’31 मार्च 1997 भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे काला दिन था। सच में उस हार के लिए कोई दलील नहीं दी जा सकती। मैं हार के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहता। टीम का हिस्सा और कप्तान होने के लिए मैं पूरी तरह से उस हार के जिम्मेदार था। इस हार में पूरी तरह टूट चुका था और मैंने अपने आप को दो दिनों तक कमरे में बंद कर लिया था।’