नई दिल्ली – मुमताज की याद में शाहजहां द्वारा बनवाया गया ताजमहल प्रेम की सच्ची निशानी मानी जाती है। और आज भी दुनिया में इसकी मिसाल दी जाती है। ठीक उसी तरह उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की याद में संजीव सी दिखने वाली उनकी प्रतिमा बनवाई जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। बता दें कि 2020 में कोरोना की लहर में रामसेवक रैदास की पत्नी की मौत हो गई थी। रामसेवक की पत्नी की मौजूदगी का अहसास करने के लिए यह कदम उठाया गया था।
फतेहपुर जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के पधारा गांव के रहने वाले रामसेवक रैदास की पत्नी का निधन 18 मई 2020 को कोरोना काल में हो गया था पत्नी के निधन के बाद से हुआ गुमसुम रहने लगा था। पत्नी की याद को संजोए रखने के लिए राम सेवक ने एक गांव से 2 किलोमीटर दूर स्थित खेत में मंदिर का निर्माण करा दिया आपको बता दें कि रामसेवक रैदास अमीन के पद पर रिटायर हुए थे ग्राम सेवक के मुताबिक उनकी शादी 18 मई 2177 को हुई थी। और पत्नी का जन्म 18 मई 1961 को हुआ था। 18 मई 2020 कोरोना में उन्होंने पत्नी को खो दिया रामसेवक के 5 पदों में तीन लड़के और दो बेटियां हैं।
रामसेवक का कहना है कि मोहब्बत की निशानी मंदिर में पूजा करने से पत्नी के होने का आभास होता है।
इसलिए रोजाना पत्नी के मंदिर में जा कर पूजा पाठ करने पहुंचते हैं। शुरुआत में मंदिर बनाने के फैसले का ग्रामीणों ने मजाक उड़ाया मंदिर बनाने वाले रामसेवक ने बताया कि पत्नी जब तक जीवित रही तब तक अथाह प्रेम किया इतना प्रेम करती थी। कि उसका साया उनके साथ बरकरार चला चलता मैं कभी रात की रात चाहता जाता रहता था तो साया आगे आगे दिखाई देता था मेरे जीवनकाल में त्याग की मूर्ति बन कर आई मैं और मुझे 3:00 का तक उठाकर नहीं रखना दिया।
रामसेवक ने बताया कि जब उनकी पत्नी की मौत को रोना काल में हो गई तो वह बेचैन से होंगे वह इतना विचलित हो गए कि उनके अंदर पागलपन आ गया मैं क्या करूं उन्होंने बताया कि मुझे वह रात दिन दिखाई देना अचानक मेरे अंदर सोसायटी आगरा में संसार में मुमताज के लिए ताजमहल बना कर खड़ा कर दिया कि मैं एक छोटा आदमी हूं अपनी पत्नी के लिए एक मंदिर बनाकर उनकी पूजा आरती तो कर ही सकता हूं।