नई दिल्ली- इमरान अपनी गिरफ्तारी से पहले अपने समर्थकों को एक मैसेज देकर गए। कि अपने कुकू के लिए सड़कों पर उतरे लेकिन अगले 12 से 24 घंटे में जनता का जो रिएक्शन आया है। उससे भी आगे की तस्वीर साफ होगी कि उनकी गिरफ्तारी का लोगों पर क्या असर पड़ा है।
बता दे कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें और बढ़ गई इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने तोसाखान के भ्रष्टाचार केस में इमरान खान को दोषी पाया है। उन्हें 3 साल की जेल की सजा के साथ ही उन पर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस फैसले के बाद इमरान को लाहौर में उनके आवास जमानपाडा रेस्ट कर लिया गया। उन्हें लाहौर से सड़क मार्ग से इस्लामाबाद लाया जा रहा है।
गिरफ्तारी से ठीक पहले इमरान ने कहा कि मेरी गिरफ्तारी अपेक्षित थी और मैंने अपनी गिरफ्तारी से पहले ही आसान 23 रिकॉर्ड किया है या लंदन योजना को पूरा करने की दिशा में एक और कदम है। लेकिन मैं चाहता हूं कि मेरी पार्टी के कार्यकर्ता शांतिपूर्वक और मजबूत रहे हम किसी और के सामने नहीं पड़ती अल्लाह के सामने झुकते हैं उन्होंने कहा कि आपको अपने घरों में छुपकर नहीं बैठना है। अगर आप अपने हुकुम के लिए खड़े नहीं होंगे. तो गुलामों की जिंदगी गुजारेंगे इमरान ने अपने समर्थकों से कहा कि कोई भी आजादी का प्लेट में रखकर नहीं रहता जंजीर गिरती नहीं छोड़नी पड़ती ऐसे में सवाल यह है कि इमरान की गिरफ्तारी का उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पर क्या असर होगा. ?
इमरान अपनी गिरफ्तारी से पहले अपने समर्थकों को एक मैसेज दे कर जाए और अपने हुकूक के लिए सड़कों पर उतरे लेकिन अगले 12 से 24 घंटे में जनता का जो रिएक्शन आया है उससे भी आगे की तस्वीरें साफ हो जाती कि उनकी गिरफ्तारी का लोगों पर क्या असर पड़ रहा है। इसके साथ ही इमरान खान की गिरफ्तारी के कुछ बड़े मायने निकल कर सामने आए पाकिस्तान की राजनीतिक जानकारों का कहना है। कि अब इमरान की चुनावी पर हम सकती क्योंकि कोर्ट ने उनके पास साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। ऐसे में इमरान अपनी राजनीतिक जमीन गांव आ सकते हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद अब उनकी पार्टी पीटीआई के वजूद पर सवाल उठ रहे हैं।
इमरान के पास अब ना ही लोगों का समर्थन है। ना ही सेना है दरअसल इमरान खान ने आर्मी के खिलाफ एक नैरेटिव सेट कर दिया था। और खुद को बड़े लीडर के रूप में स्थापित किया था उसका उन पर विपरीत असर पड़ गया वह खुद की नजरों में ही बड़े नेता बन गए। उन्होंने जिस तरह से आर्मी की जमानत और मरम्मत की थी उसका असर अब साफ तौर से दिख रहा है।