नई दिल्लीः देश के तमाम किसान संगठनों ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पंजाब से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली चलो अभियान पर हैं, जहां हजारों ट्रैक्टर के साथ हरियाणा बॉर्डर पर जुटे हैं। हरियाणवी के शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में जवान और पुलिसबल को तैनात किया गया है।
बीते दिन किसान और पुलिसकर्मियों में नोकझोंक देखने को मिली। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागने के साथ-साथ पानी की बौछारें की। इसके बाद भी किसान अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है, जो दिल्ली कूच करने पर अमादा हैं।
किसानों को मनाने के लिए सरकार भी तरह-तरह के रास्ते निकाल रही है, जो दो दौर की बातचीत भी कर चुकी है। अभी तक दोनों दौर की बातचीत बेनतीजा रही, जिसका एक और पैनल बातचीत के लिए आज टेबल पर बैठेगा।
किसान नेता ने कही बड़ी बात
हरियाणा बॉर्डर पर बड़ी संख्या में डटे आंदोलनकारियों के बीच किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बड़ी बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ बैठक आज शाम 5 बजे होगी। इस बैठक में किसान अपनी मांगों को रखेंगे, जहां बीच का रास्ता निकलने की काफी उम्मीदें हैं। वैसे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार किसानों की ज्यादातर मांगें मानने को तैयार है, लेकिन तीन पर सस्पेंस बना हुआ है।
फटाफट जानें किसानों की जरूरी मांगें
कई किसान संगठन जिसमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए आज अपना विरोध मार्च शुरू कर चुके हैं। तीन साल पहले पीएम मोदी सरकार ने कृषि कानून को वापस लेते हुए यह सभी वादे कर आंदोलन को खत्म कराने का काम किया था।
2021 में कृषि कानूनों को निरस्त किया गया। इसके अलावा, वे स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए “न्याय” की भी मांग कर रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाने सहित उनकी विभिन्न मांगों को लेकर यहां शाम पांच बजे किसान नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं।