Study:भारत विटामिन डी की कमी से जूझ रहा हर तीसरा व्यक्ति,जाने चौकाने वाले राज

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Health Desk

विटामिन डी की कमी भारत में एक चिंता का विषय बन गई है। खानपान में अनियमितता और असही लाइफस्टाइल इस समस्या का मुख्य कारण हैं। लेकिन अब लोग इस समस्या को समझने और समाधान करने के लिए विटामिन डी का टेस्ट करवाने की तरफ अधिक ध्यान दे रहे हैं।

विटामिन डी की कमी का कारण

  1. खराब खानपान और विटामिन डी की कमी: भारत में लोगों के अंदर विटामिन डी की कमी की समस्या बढ़ती जा रही है, जिसका मुख्य कारण खराब खानपान और असही लाइफस्टाइल है।
  2. तेजी से बढ़ते टेस्ट के आंकड़े: पिछले सालों में भारत में विटामिन डी की कमी के टेस्ट कराने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी आ रही है।
  3. बढ़ती जानकारी का प्रभाव: विटामिन डी के महत्व को लेकर लोगों की जानकारी बढ़ने के साथ-साथ उनकी चेतावनी भी बढ़ी है, जिससे वे अपनी सेहत का ध्यान अधिक से अधिक रख रहे हैं।
  4. टेस्ट कराने का महत्व: विटामिन डी की कमी के लक्षणों को ध्यान में रखते हुए टेस्ट कराने का महत्व है, ताकि समस्या का समाधान समय पर किया जा सके।
  5. स्वस्थ जीवनशैली की जरूरत: खानपान में सुधार करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत है, ताकि विटामिन डी की कमी से बचा जा सके।

विटामिन-डी की कमी के लक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि यह शरीर के सामान्य कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। यह लक्षणों में थकावट, पैरों में सूजन और मांसपेशियों में कमजोरी शामिल हो सकती है। विटामिन-डी की कमी के कुछ और लक्षणों में मेटाबॉलिज्म का धीमा हो जाना और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी भी हो सकती है। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करते हुए, समय रहते उपचार और उपाय की तलाश करना जरूरी है।

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