नई दिल्लीः प्राइवेट संस्थाओं में जॉब करने वाले पीएफ कर्मचारियों को कुछ जानकारी नहीं होती है, जिन्हें जानना आवश्यक है। अगर आपका पीएफ कट रहा है तो फिर अब मौज है, क्योंकि कर्मचारियों को सरकार की ओर से हर महीना पेंशन का लाभ भी दिया जाता है।
यह लाभ नौकरी छोड़ने के बाद मिलता है, क्योंकि सरकार ने इसके लिए एक शानदार योजना चला रखी है। निजी कंपनी में काम करते हुए आपका पीएफ कट रहा है तो टेंशन ना लें, क्योंकि हम कुछ बेहतरीन स्कीम्स के बारे में बताने वाले हैं।
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इसमें ईपीएस और ईपीएफ का तो नाम सुनहा होगी, जो ईपीएफओ के नेतृत्व में चलाई जाती हैं। क्या आपको पता है यह स्कीम कर्मचारियों को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इसमें 58 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों को बंपर फायदा देखने को मिलता है। किसी कर्मचारी ने संगठित क्षेत्र में 10 साल या इससे ज्यादा नौकरी की तो फिर मौज है।
जानिए योजना से जुड़ी जरूरी बातें
सरकार की ओर से ईपीएस योजना को साल 1995 में लॉन्च करने का काम किया गया था। इस योजना में नए ईपीएफ सदस्य भी हिस्सा बन सकते हैं। नियोक्ता/कंपनी और कर्मचारी दोनों ही ईपीएफ फंड में कर्मचारी की सैलरी से करीब 12 प्रतिशत हिस्सा काटा जाता है। काटा गया सारा पैसा ईपीएफ अकाउंट में पहुंच जाता है। नियोक्ता/कंपनी के शेयर का 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में और 3.67 फीसदी हर महीने ईपीएफ में चला जाता है।
ईपीएस स्कीम की योग्यताएं
स्कीम का फायदा प्राप्त करने के लिए ईपीएफओ का सदस्य होना जरूरी है। आपने संगठित क्षेत्र में 10 साल तक नौकरी की हो उम्र 58 वर्ष है तो आप 50 साल के बाद ही ईपीएस पैसा निकालना शुरू कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगले दो साल के लिए पेंशन को रोक भी सकते हैं।
इसके बाद हर साल 4 फीसदी की अतिरिक्त दर से पेंशन का लाभ मिल जाएगा। सदस्य अपनी की मंथली पेंशन राशि की कैलकुलेशन नीचे गिए गए फार्मूला के अनुसार कर सकते हैं। इससे कर्मचारियों को मोटा लाभ मिलेगा। जानकारी के लिए बता दें कि न्यूतम पेंशन राशि में बढ़ोतरी कर 1000 रुपये कर दी है।
मासिक पेंशन योग्य सैलरी को 15,000 रुपये तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। किसी कारणवश सदस्य की मौत हो जा तो कोई जीवित विधवा नहीं होने पर उसके बच्चे को मारिक पेंशन के मूल्य की 75 फीसदी राशि मंथली अनाथ पेंशन के तौर पर देने का काम किया जाएगा।