नई दिल्ली Income Tax: अगर आप नौकरी या फिर किसी दूसरे जरिए से ज्यादा से इनकम प्राप्त करते हैं तो आपको टैक्स देना होता है। ऐसे में अगर आप टैक्स भरने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फिल करते हैं तो कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखें। इसके लिए सबसे जरुरी है स्टैंडर्ड डिडिक्शन का ध्यान रखना। स्टैंडर्ड डिडक्शन लोगों और पेंशनधारकों को लिए पेश है। ये एक ऐसी रकम हैं जिसे किसी भी शख्स की टैक्स में आने वाली इनकम से कटौती के लिए अनुमति दी जाती है। ये लोगों की टैक्सेबल इनकम को कम करने में सहायता करता है और टैक्स पेयर को राहत प्रदान करता है।
फटाफट जानें क्या हैं स्टैंडर्ड डिडक्शन
स्टैंडर्ड डिडक्शन 1974 में पेश किया गया था। जिसकों बाद में बंद कर दिया गया था। केंद्रीय बजट 2018 ने इसे फिर से पेश किया और इस समय सैलरीड और पेंशनधारकों के लिए भी उपलब्ध है। इससे की गई कटौती लोगों की टैक्सेबल इनकम को कम कर देती है और इसीलिए उनका टैक्स कम हो जाता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन सिर्फ उन लोगों के लिए लागू था, जो कि पुराने टैक्स एग्रीमेंट का ऑप्शन चुनते हैं। जबकि इस समय फाइनेंशियल ईयर से उन लोगों को लाभ दिया जाता है जो कि नए टैक्स एग्रीमेंट का चुनाव करते हैं।
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इनकम टैक्स स्टैंडर्ड डिडक्शन फाइनेंशियल ईयर
फाइनेंशियल ईयर 2023 से 2024 के लिए सैलरीड शख्स के लिए स्टैंडर्ड डिडिक्शन 50 हजार रुपये है। ये एक फ्लैट कटौती है। जिसका दावा ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल अलाउंस पर किए गए असल खर्च के लिए बावजूद किया जा सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन सभी सैलरीड लोगों के लिए पेश है, जिनमें सरकार, प्राइवेट और सरकारी कंपनी में काम करने वाले लोग शामिल हैं।
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टैक्सेबल आय
स्टैंडर्ड डिडक्शन शख्स की टैक्सेबल इनकम को कम करने में सहायता करता है। उदाहरण के लिए अगर आपकी टैक्सेबलल इनकम 1 लाख रुपये हैं तो आप 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडिक्शन का दावा करते हैं तो आपकी टैक्सेबल इनकम 50 हजार रुपये तक कम हो जाएगी। इससे 12500 रुपये की टैक्स सेविंग हो जाएगी।
जानकारी के लिए बता दें इसके लिए सरकारी संगठन, निजी कंपनी या किसी अन्य नियोक्ता से वेतन या पेंशन पाने वाला शख्स 50 हजार रुपये की कटौती का दावा कर सकता है। 50 हजार रुपये की कटौती या सैलरी की रकम भी कम हो, सभी सैलरी लोगों और पेंशन धारकों के लिए पेश है। खुद का बिजनेस करने वाले लोग इसमें नहीं आते हैं।
अगर आप मानक कटौती के लिए दावा करना चाहते हैं तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में आईटीआर फाइल करना होगा। ये आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कर सकते हैं।