नई दिल्लीः भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज के मुकाबले चल रहे हैं। इसी बीच दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह की ओर से बयान सामने आया है । बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में दूसरे टेस्ट की अंतिम एकादश में कुलदीप यादव को भारतीय टीम में जगह नहीं मिली जिससे हरभजन सिंह हैरान है। उन्हें लगता है कि क्या यह सही रहेगा अगर कोई बाएं हाथ का गेंदबाज ‘मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार’ नहीं जीते या पांच विकेट नहीं ले।
आपको बता दे गेंदबाज कुलदीप ने टेस्ट क्रिकेट में 22 महीनों के बाद वापसी की अब भारत और बांग्लादेश के बीच हुए चटगांव में पहले टेस्ट मैच के मुकाबले में 8 विकेट अपनी टीम को दिलाए जिसमें पहली पारी पर 40 रन पर 5 विकेट चटकाए । साथ ही उन्होंने बल्लेबाजी करते हुए 40 रन बनाए लेकिन आखिरी एकादश में तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को टीम में शामिल करने के लिए कुलदीप यादव को दूसरे टेस्ट मैच की टीम से बाहर कर दिया है ।
कुलदीप को भारतीय टीम से बाहर करने पर भारत के उच्चतम स्पिनरों में से एक हरभजन सिंह बेहद नाराज नजर आए । हरभजन सिंह ने आगे कहा “मुझे लगता है कि अब से कुलदीप को पांच विकेट लेना बंद कर देना चाहिए. क्या पता इससे उसे लगातार दो टेस्ट मैच खेलने का मौका मिल जाए.”
हरभजन ने कहा, “चटगांव टेस्ट से पूर्व पिछली बार उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में (99 रन पर पांच विकेट) अलग हालत में पांच विकेट चटकाए थे. उसे विदेशी हालात में भारत का नंबर एक स्पिनर होना चाहिए था लेकिन उसे टेस्ट खेलने के लिए दो साल से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा. अब उसे लगभग दो साल बाद दोबारा टेस्ट खेलने का मौका मिला और उसे फिर टीम से बाहर कर दिया गया. इसके पीछे का तर्क जानने में खुशी होगी.”
मैच में तेज गेंदबाज उनादकट और उमेश यादव ने 6 विकेट अपनी टीम को दिलाए लेकिन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने चार विकेट अपने नाम किए। जिससे यह मालूम होता है कि पिच पूरी तरह तेज बॉलर के लिए सही नहीं थी। बांग्लादेश टीम की कप्तान शाकिब अल हसन की कुछ गेंद भी तेजी से टर्न हुईं।
हरभजन का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में ‘सुरक्षा’ सिर्फ एक शब्द बनकर रह गया है। उन्होंने कहा, “मैं किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन टेस्ट ढांचे में कुछ खिलाड़ियों को लंबे समय तक मौके मिले, पांच साल तक भी. कुलदीप के मामले में लगता है कि इस तरह की सुरक्षा की मियाद सिर्फ पांच दिन है. अगर किसी को आठ विकेट चटकाने के बाद भी बाहर कर दिया जाएगा तो फिर वह कैसे सुरक्षित महसूस करेगा. क्या वह निडर होकर खेल सकता है जबकि टीम प्रबंधन ने उसके अंदर डर भर दिया है।
हरभजन ने कहा कि वह सहमत है कि बांग्लादेश की टीम टेस्ट फॉर्मेट में काफी मजबूत नहीं है लेकिन अच्छा प्रदर्शन करने वाले को बाहर करने से युवा खिलाड़ियों के बीच गलत संदेश जाएगा।