नई दिल्ली।हिंदू धर्म में रसोई को भी पूजनीय स्थान माना गया है, इसलिए क्योंकि यहां मां अन्नपूर्णा का वास होता है। किचन को हमेशा साफ करके रखना चाहिए। बहुत से ऐसे होते हैं, जो किचन में काम करके ऐसे ही गंदा छोड़ देते हैं। रसोई घर में महिलाएं अपने परिवार के लिए रोजाना ही खाना बनाती हैं।
ऐसे में रसोई घर से जुड़े वास्तु नियमों का भी खासा ध्यान हमें रखना चाहिए। आटा गूंथना कुछ लोगों को बड़ा ही मुश्किल काम लगता है।ज्यादातर महिलाएं रोजाना ही सुबह और शाम के समय में रसोई में आटा तो गूंथती हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि आटा गूंथने के दौरान आप कुछ गलतियां भी कर बैठती हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? घर में आटा गूंथते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। वरना परिवार को आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। तो आईये जानते हैं कि आंटे गूंथते समय किन नियमों का हमें पालन करना चाहिए।
रसोई से जुड़े नियमों का पालन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रसोई से जुड़े नियमों का पालन करना हमारे जीवन को सकारात्मक और सुखी बना सकता है। बुजुर्गों की सलाह के अनुसार, रसोई में कभी झूठे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए, और यहां कभी भी गंदगी नहीं होनी चाहिए।
तांबे के बर्तन में रखे हुए पानी का इस्तेमाल
आटा गूंथते समय तांबे के बर्तन में रखे हुए पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। तांबे के बर्तन में रखें हुए पानी को शुद्ध माना जाता है। आटा गूंथने के बाद बचे हुए पानी को गलती से भी ना फेंके। इस पानी को पेड़ पौधों में डालें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आटा गूंथन के बाद इस पर उंगलियों के निशान जरूर बनाएं और फिर उसे ढक दें। ऐसी मान्यता है कि आटे के पिंड का इस्तेमाल पितरों के लिए किया जाता है।
आटा गूंथने के बाद उसे हमेशा ही ढकना चाहिए, ताकि उस पर नकारात्मक ऊर्जा का वास ना हो। आटा गूंथने के बाद उसे बचाकर ना रखें, बल्कि पूरे आटे की रोटियां बना लें। क्योंकि ज्यादा देर तक रखे हुए आटे में कीटाणु आने शुरू हो जाते हैं।
बची हुई रोटियां गाय को खिलाएं
आटे की बची हुई रोटियां फ्रिज में रखना धार्मिक शास्त्रों में अनुमति नहीं दिया गया है। इस बचे हुए आटे को गाय या कुत्ते को खिलाएं, ताकि यह ब्रह्मा विष्णु महेश की कृपा से शुद्ध हो।
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