नई दिल्ली- चंद्रयान-3 द्वारा रविवार को दक्षिण ध्रुव के चंद्रमा की सतह के तापमान पर अपना पहला निष्कर्ष भेजे जाने के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि सत्ता के पास 70 डिग्री सेल्सियस तापमान के होने की उम्मीद नहीं थी। चंद्रयान तीन जी सतह पर उतरा और अपने प्रयोगों को अंजाम दे रहा है वहां 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री के बीच तापमान का अनुमान लगाया गया था।
हम सभी का मानना था की सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है।
इसरो के वैज्ञानिक वह दारू के सामने कहा या आश्चर्यजनक रूप से हमारी उम्मीद से अधिक है पृथ्वी पर शायद ही कोई ऐसी विभिन्नता है और इसलिए चंद्रयान तीन के पहले निष्कर्ष बहुत दिलचस्प उन्होंने कहा जब हम पृथ्वी के अंदर दो से तीन सेंटीमीटर तक जाते हैं तो हम मुश्किल से दो से तीन डिग्री सेंटीग्रेड विभिन्न सा देखते हैं। जबकि वहां यह करीब 50 डिग्री सेंटीग्रेड भिन्नता या कुछ दिलचस्प है।
दक्षिण ध्रुव के आसपास चंद्रमा की सतह पर तापमान में विभिन्नता 70 डिग्री सेल्सियस से सोने तक 10 सेल्सियस तक नीचे रहता है या पहली बार है जब इसरो के चंद्रायन-3 के सौजन्य से दुनिया की वैज्ञानिक बिरादरी को जानकारी मिली है।
इसरो द्वारा जारी किए गए ग्राफ में चंद्रमा की सतह के तापमान की जांच विक्रम को लोड द्वारा अलग-अलग गहराई पर की गई। जैसे की चार्ट से पता चलता है जमीन पर तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है और या 20 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर 60 डिग्री से अधिक बढ़ जाता है। 80 सेंटीमीटर गहराई पर जो जमीन के नीचे तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिर सकता है।