नई दिल्लीः एक तरफ करोना वायरस के वापस आने का खतरा बना हुआ है वहीं मम्मी कई प्रकार के डर फिर से पनप रहे उनके डर में से सबसे बड़ा दर्द शिक्षा के ऊपर है 2020 व 21 में जिस तरह कोविड की वजह से शिक्षा का स्तर गिरा था उसे देखते हुए लोगों के मन में कई प्रकार की चिंताएं और सवाल उत्पन्न हो रहे हैं वही आने वाली भर्तियां और भर्तियों के लिए आवेदन किए हुए अभ्यर्थियों के मन में भी कई सारे सवाल हैं।
वहीं इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा से जुड़ा एक अहम ऐलान किया है इतना ही नहीं वल्कि उन्होंने यूपीटीईटी परीक्षा को लेकर भी कई महत्वपूर्ण घोषणा की है।उ त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि राज्य में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन जल्द कर लिया जायेगा । साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा यूपीटीईटी का आयोजन भी इसी नए आयोग के माध्यम किया जाना चाहिए।
योगी ने लखनऊ में प्रदेश में शैक्षिक संस्थानों में शक्षिक भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए एकीकृत आयोग के रूप में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश दिए। उन्होने कहा कि पिछले पांच-साढ़े पांच साल से प्रदेश में संचालित विभिन्न चयन आयोगों की कार्यप्रणाली में शासन स्तर से अनावश्यक हस्तक्षेप न होने से आयोगों की कार्यप्रणाली में शुचिता और पारदर्शिता आई है। मेरिट के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों का चय रहा है।
प्रदेश में आये इस बदलाव का सीधा लाभ युवाओं को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड व आयोग संचालित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों का उन्नयन राज्य सरका प्राथमिकता में है। संस्कृत वद्यिालयों में अवस्थापना सुविधाओं वे विकास के साथ-साथ अध्ययनरत विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए छात्रवृत्ति भी दी जानी चाहिए। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर जल्द से जल्द प्रस्तुत करें।