Chanakya Niti: हमें बहुत सारे काम को मिलजुल करने की आदत होती है। ऐसा कहा जाता है एक साथ मिलकर किसी भी काम को करते हैं, तो वो काम आसानी से और जल्दी से हो जाता है। लेकिन कभी – कभी कुछ काम ऐसा होता हैं, जिन्हें हमे अकेले ही करना पढ़ता है ।
वहीं चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातें बताई गई है, जिसका पालन करके हम अपने जीवन के किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा हम एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
वहीं आचार्य चाणक्य कहते है कि पुरूष व स्त्री को तमस्या हमेशा अकेले ही करनी चाहिए। क्योंकि तपस्या साथ में करने से ध्यान भटकता है जिससे तपस्या में विघ्न पड़ जाती है और आपको इसका पूरा फल नहीं मिलता है। अगर आपको तपस्या का सही ढंग से लाभ लेना है, तो कभी भी स्त्री और पुरुष दोनों साथ में तपस्या न करें।
अलग – अलग करें पढ़ाई
अक्सर हम घरों में एक साथ बैठकर पढाई करते है, जबकि आचार्य चाणक्य ने अपनी शास्त्र नीति के अनुसार बताया है कि एक साथ 2 या 2 से अधिक लोगों को बैठकर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। ऐसे हमारा ध्यान भटक जाता है। इसलिए हमें हमेशा अलग बैठकर अपनी पढ़ाई करनी चाहिए। खासकर स्त्री और पुरुष को अलग – अलग ही पढ़ाई करनी चाहिए एक साथ नहीं।
एक दूसरे के सामने न बदले कपड़े
कभी – कभी हम इतनी जल्दी में होते है कि हम अपने जीवन साथी के सामने भी कपड़ा बदल लेते है। वहीं आचार्य नीति के अनुसार पुरूष और महिला को कभी भी एक दूसरे के सामने कपड़े नही बदलना चाहिए। न किसी लडकी को कपड़ा बदलते हुए देखना चाहिए।।