नई दिल्ली: ईरान में महिलाओं के हिजाब (Hijab) को लेकर कानून काफी सख्त है। यहां महिलाओं को हिजाब न पहनने पर सजा दी जाती है। हालांकि, समय-समय पर महिलाओं ने कई बार हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन भी किए हैं। अब हिजाब को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। शुक्रवार (14 मार्च, 2025) को यूएन की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ईरान ड्रोन, फेशियल रिकग्निशन तकनीक और नागरिक रिपोर्टिंग एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर रहा है और इसके जरिए महिलाओं पर हिजाब कानून लागू कर रहा है।
कड़ी सजा दी जा रही
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिजाब न पहनने पर महिलाओं को कड़ी सजा दी जा रही है और ये घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। ईरान सरकार का नज़र मोबाइल ऐप नागरिकों और पुलिस को हिजाब कानून का उल्लंघन करने वाली महिलाओं के खिलाफ शिकायत करने की अनुमति देता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस पर दो साल तक रिसर्च की गई है, जिसमें कहा गया है कि यहां मानवाधिकारों का उल्लंघन करना अपराध है। ईरान में महिलाओं को खास तौर पर निशाना बनाया जाता है।
नज़र मोबाइल ऐप की मदद से ड्रोन के जरिए हिजाब न पहनने वाली महिलाओं का पता लगाया जाता है। इसके बाद नज़र ऐप ऑनलाइन वाहन को चिह्नित करता है, जिसके बाद पुलिस को अलर्ट किया जाता है। इसके बाद वाहन के मालिक को एक टेक्स्ट मैसेज भेजा जाता है और चेतावनी दी जाती है कि उनके द्वारा हिजाब कानून का उल्लंघन किया गया है और अगर चेतावनी के बाद भी कोई हिजाब नहीं पहनता है, तो उसके वाहन को जब्त कर लिया जाता है।
चीज़ों पर अड़ी रही
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सितंबर के महीने में ईरान सरकार ने सार्वजनिक परिवहन, टैक्सियों और एंबुलेंस में इस ऐप को इंस्टॉल करने का आदेश दिया था। FARAZA ऐप के ज़रिए सार्वजनिक परिवहन, टैक्सियों और एंबुलेंस में महिलाओं के हिजाब न पहनने की रिपोर्ट की जाती है। इसके साथ ही राजधानी तेहरान और दक्षिणी ईरान में ड्रोन भी तैनात किए गए हैं और सड़कों पर हाईटेक कैमरे लगाए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट 20 पन्नों की है। इस रिपोर्ट के विरोध के बावजूद ईरान सरकार अभी भी चुप है। हालांकि, ईरान सरकार पहले भी इस तरह के अंतरराष्ट्रीय दबाव को नज़रअंदाज़ कर चुकी है और हिजाब कानून जैसी चीज़ों पर अड़ी रही है।\
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