AstraZeneca Update: एस्ट्राजेनेका ने दुनिया भर से वापस मंगवाई वैक्सीन, और बताई साइड इफ़ेक्ट का वजह

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Health Desk

हाल ही में फसे साइड इफ़ेक्ट के बाद कोविशील्ड पर खतरा बढ़ता ही जा रहा हैं कम होने का नाम ही नहीं ले रहा हैं इसी कड़ी में कोविशील्ड की पैरेंट कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने अपने दुनिया भर में सभी जगह पर फैले वैक्सीन को वापस लेने का फैसला किया हैं।

और इसका मुख्य वजह टीटीएस इंसानों में खून के थक्के जमने और प्लेटलेट काउंट कम होने का कारण बनता है। ब्रिटेन में इस वजह से करीब 81 मौतें हुई हैं। हालांकि, वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने इस बात से इनकार किया है कि कोविशील्ड को वापस लेने का फैसला कोर्ट केस से जुड़ा है।

ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने कोरोना वैक्सीन से दुष्प्रभाव को लेकर दुनियाभर में मचे बवाल के बाद कंपनी ने अपनी कोरोना वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर वापस लेने की पहल की है। ब्रिटिश दवा कंपनी ने स्वीकार किया था कि उनकी कोविशील्ड वैक्सीन के दुर्लभ प्रभाव हो सकते हैं। और भारत में कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने बनाया हैं। परतु फार्मूला की बात करे तो इसे एस्ट्राज़ेनेका ने दिया हैं।

कोविशील्ड वैक्सीन और खून के थक्के पर बयान

ब्रिटेन में कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर हाल ही में एक विवाद उठा है, जिसमें खून के थक्के जमने और प्लेटलेट काउंट कम होने का दावा किया जा रहा है। इस बारे में कंपनी एस्ट्राज़ेनेका का दावा है कि इस विवाद का कोर्ट केस से कोई संबंध नहीं है।

एस्ट्राज़ेनेका ने अपने एक बयान में कहा, “आकड़े के मुताबिक, इस्तेमाल के सिर्फ पहले साल में 6.5 मिलियन से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई और विश्व स्तर पर तीन बिलियन से ज्यादा खुराक की आपूर्ति की गई। हमारी कोशिशों को दुनिया भर की सरकारों ने मान्यता दी और व्यापक रूप से वैक्सीन को वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक माना गया है। क्यों कि कई तरह की कोरोना वैक्सीन विकसित की गई हैं, इसलिए उपलब्ध टीकों की अधिकता है. अब हम अपडेटेड वैक्सीन के साथ कोरोना महामारी में अहम योगदान देने के लिए एक स्पष्ट रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए नियामकों और हमारे भागीदारों के साथ काम करेंगे.”

भारत के सुप्रीम कोर्ट में वैक्सीन का मामला पहुंचा

ब्रिटेन में ही नहीं इस वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स का मामला भारत के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। वैक्सीन लगाने के बाद दो परिवारों ने अपनी-अपनी बेटियों को खो दिया, जिसके बाद वे भी SII पर मुकदमे की तैयारी कर रहे हैं। और भारत में भी इस मामले को लेकर पुरजोर आवाज उठ रही हैं।

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