नई दिल्ली: Periscopic Lens Camera: पिछलें कुछ सालों से टेक मार्केट में कैमरा ने काफी विकास किया है। आज के स्मार्टफोन में कई बेहतरीन लेंस और AI क्षमताओं से लैस है। वहीं इन दिनों एक लेना की काफी चर्चा हो रही है, वो है पेरिस्कोपिक लेंस। ये पेरिस्कोपिक लेंस (Periscopic Lens) फोन के कैमरे में दिया जा रहा है। लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर इस पेरिस्कोपिक लेंस का क्या फायदा है? और यह लेंस कैसे काम करता है? जो DSLR जैसी फोटोज को भी फेल कर देता हैं। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं –
क्या है ये पेरिस्कोप लेंस?
बात करें पेरिस्कोप लेंस की तो यह दूर की चीजों को देखने के लिए किसी ट्यूब के दोनों सिरे पर 45 डिग्री तक एक कांच पर लगाया जाता है। इस टेक्निक का इस्तेमाल स्मार्टफोन में किया जाता है, जिससे ज्यादा लाइट आती है।
क्या हैं इसके फायदे?
इसके दो फायदे हैं – एक ज्यादा लाइट आने की वजह से फोटो की क्वॉलिटी बेहतर होना। दूसरा फायदा ये कि DSLR कैमरे में ज्यादा लाइट के लिए लेंस को बाहर निकाला जा सकता हैं। लेकिन फोन में ऐसा नहीं हो सकता है। इसके लिए पेरिस्कोपिक लेंस का यूज किया जाता है। ऐसे में इसके जरिए 100x तक जूम किया जा सकता है। आज के टाइम में सैमसंग, वीवो और आईक्यू जैसे ब्रांडेड स्मार्टफोन अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन में 100x जूम कैमरा प्रदान कर रहे हैं।
कहां से आया पेरिस्कोपिक शब्द
इस पेरिस्कोप शब्द का यूज पनडुब्बियों में किया जाता है। जहां प्रकाश की किरणों को 90 डिग्री पर मोड़ने के लिए किया जाता है। इसमें आपको 45 डिग्री पर दो मिरर लगाकर लाइट को 90 डिग्री बदला जा सकता है। आखिर में आपको चलें कि ओप्पो पहली ऐसी कंपनी हैं, जिसने पहली बार मोबाइल में पेरिस्कोपिक लेंस का इस्तेमाल किया था। जिसे कंपनी ने साल 2017 में मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस( MWC) में 5x ड्यूल कैमरा जूम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था।
शायद यहीं वजह हैं कि इसका इस्तेमाल ज्यादातर अब फोन में किया जाने लगा हैं। जिस वजह से इनकी मोबाइल बाजार में काफी चर्चा हैं। जिसे आप कई फोन में देख भी सकते हैं।