नई दिल्ली Credit Card Penalty: मौजूदा समय में क्रेडिट कार्ड का चलन काफी बढ़ रहा है। ऐसे में क्रेडिट कार्ड को जारी रखने वाली कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए अपने क्रेडिटा कार्ड पर नए-नए ऑफर पेश करती रहती हैं। कई कंपनियां ऐसी भी हैं जो कि लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड देती है।
लाइफटाइम फ्री कार्ड में ग्राहकों को कोई ज्वाइनिंग फीस या फिर एनुअल फीस नहीं लगती हैं। इसके अलावा कार्ड कंपनियां ग्राहकों को समय-समय पर डिस्काउंट भी देती है। क्रेडिट कार्ड के बकाए का भुगतान आमतौर पर 45 से 60 दिन के बाद देना होता है। इस प्रकार ग्राहकों मुफ्त में पीरियड भी मिल जाता है।
कुछ क्रेडिट कार्ड पर तो एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस और रेलवे स्टेशन का लाउंज एक्सेस भी दिया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब क्रेडिट कार्ड की कंपनियां सब कुछ फ्री में दे रही है तो उनकी कमाई कैसे होती है। जानते हैं कि कंपनियां इन सभी खर्चों की भी भरपाई कैसे करती है और बिजनेस मॉडल क्या होता है।
ब्याज और पेनाल्टी से होती है मोटी इनकम
काफी सारे यूजर्स अपने क्रेडिट कार्ड का बिल ड्यू डेट तक नहीं चुका पाते हैं, जिससे उस पर ब्याज और पेनाल्टी लगाई जाती है। इसके अलावा EMI पर शॉपिंग करने पर कंपनियां ग्राहकों से चार्ज वसूल करती है।
एनुअल फीस और दूसरी फीस
काफी सारे क्रेडिट कंपनियां अपने ग्राहकों से एनुअल और रीन्युअल फीस भी लेती है। बहराल अधिकतर कंपनियां सालाना एक तय लिमिट तक खर्च करने के बाद एनुअल और रीन्युअल फीस माफ कर देती है। इसके अलावा कंपनियां बैलेंस ट्रांसफर फीस, लेट पेमेंट फीस, कैश एडवांस फीस, फॉरेन ट्रांजैक्शन फीस औऱ कुछ दूसरी फीस से भी कमाई करती है।