नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2022-23 खत्म होने में कुछ ही समय बाकी रह गया है। तो इस फाइनैंशियल ईयर की बात करें तो टैक्स बचाने के लिए कई बातों का ध्यान रखना होता है। सबसे जरुरी चीज ये भी मानी जाती है कि जिन चीजों में आपको निवेश करने वाले दस्तावेज की डिमांड काफी बढ़ चुकी है।
या फिर उन खर्च से जुड़े डॉक्यूमेंट्स जुटाना भी अहम माना जाता है जिससे आपने टैक्स बचाने को लेकर फैसला लिया गय है। इन डॉक्यूमेंट्स को आधार बनाकर ही टैक्स दिया जा सकता है। आपके ऊपर टैक्स की देनदारी देना अहम होता है या फिर टैक्स का फायदा ले सकते हैं।
निवेश से जु़ड़ें होते हैं कई सारे दस्तावेज
इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्सपेयर्स 1.50 लाख रुपये पर टैक्स बचाने के बाद फायदा ले सकते हैं। ये निवेश ULIP, लाइफ इंश्योरेंस स्कीम, म्यूचुअल फंड की टैक्स सेविंग स्कीम ELSS, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, 5 साल की टैक्स सेविंग बचत योजना, EPF, NPS में करने के बाद फायदा ले सकते हैं।
अगर आपने इन सभी योजनाओं में से किसी एक योजना में निवेश कर रहे हैं तो तो अपनी बीमा कंपनी, म्यूचुअल फंड कंपनी से सलाना निवेश का स्टेटमेंट मंगाना भी अहम होता है। एजुकेशन फीस या फिर होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट की मदद लेने के बाद आप टैक्स छूट हासिल करने की सोच रहे हैं तो फौरन इन निवेश या खर्च से संबंधित दस्तावेजों को रखना भी अहम होता है।
होम लोन के ब्याज में टैक्स छूट का मिलेगा फायदा
होम लोन के 2 लाख रुपये पर आपको आसानी के साथ टैक्स छूट का फायदा मिल सकता है। यानि 2 लाख रुपये तक ब्याज के रकम की बात करें तो इनकम टैक्स में कम करने का भी विकल्प मिल रहा है।
अगर आपने होम लोन ले चुके हैं और ब्याज पर टैक्स छूट चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान देना जरुरी हो जाता है। तो आपको अपने बैंक या हाउसिंग फाइनैंस कंपनी से स्टेटमेंट लेना भी अहम हो जाता है। जिसमें ये स्पष्ट तौर पर दिया रहता है कि इस वित्त वर्ष में प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान और ब्याज के मद में इतनी रकम दे चुके हैं।
2 लाख रुपये तक सलाना ब्याज के रकम पर टैक्स छूट हासिल करने का भी फायदा ले सकते हैं। अगर आप 2 लाख रुपये से ज्यादा ब्याज के मद में भुगतान करने जा रहे हैं तो भी आपको 2 लाख रुपये में कटौती के तौर पर फायदा दिया जाता है।