Bank FD vs Corporate FD : सामान्य एफडी और कॉरपोरेट एफडी में कितना है अंतर, जाने फायदे और नुकसान

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Yogesh Yadav

Bank FD vs Corporate FD : बाजार में न जाने निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद है। लेकिन लोग फिर भी Fixed Deposit में अपना इन्वेस्ट करना बेहतर समझते है। लेकिन लोग भी अपनी जगह सही है क्योंकि Fixed Deposit में निवेश करने पर पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और फिक्स्ड रिटर्न भी निवेशकों को जमा राशि पर मिलता है। 

लेकिन क्या आपने कभी कॉरपोरेट एफडी के बारे में सुना है? बताना चाहेंगे कि कॉरपोरेट एफडी भी बिलकुल सामान्य बैंक एफडी की तरह ही होती है। बस फर्क इतना है कि Corporate FD में निवेश करना थोड़ा जोखिम भरा रहता है जिसके चलते सामान्य एफडी की तुलना में कॉरपोरेट एफडी में निवेश करने पर अधिक रिटर्न मिलता है। आइए Corporate FD के बारे में अच्छे से जानते है।

Corporate FD पर मिलता है अधिक ब्याज

समान्य एफडी को तो बैंक द्वारा लोगों के लिए जारी किया जाता है। लेकिन कॉरपोरेट एफडी के नाम से ही आपको पता चल रहा होगा कि इसे कॉरपोरेट यानी कि अनेक कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है। कॉरपोरेट एफडी जारी करने का उद्देश्य लोगों से फंड इक्कठा करना होता है।

कॉरपोरेट एफडी के तहत कम्पनी लोगों से एक निश्चित समय अंतराल के लिए पैसा लेती है और उस अवधि के समाप्ति पर ब्याज सहित लोगों को उनका पैसा लौटाती है। लोगों को कॉरपोरेट एफडी में निवेश के प्रति आकर्षित करने के लिए कंपनियां लोगों को सामान्य बैंक एफडी की तुलना में कॉरपोरेट एफडी निवेश पर अधिक ब्याज देती है।

इतने समय में होती है मैच्योर

कॉरपोरेट एफडी में निवेश किया गया पैसा 1 से 5 सालों में मैच्योर हो जाता है। जिस प्रकार बैंक एफडी में अलग अलग अवधि के लिए ब्याज की दरें अलग अलग होती है, ठीक उसी प्रकार कॉरपोरेट एफडी में अलग अलग अवधियों के लिए ब्याज की दरें भिन्न हो सकती है। यहां भी सामान्य ग्राहकों की तुलना में सीनियर सिटीजन को अधिक ब्याज ऑफर किया जाता है।

कॉरपोरेट एफडी में निवेश करने के नुकसान

बैंक एफडी सुरक्षित इसलिए मानी जाती है क्योंकि यहां पर RBI द्वारा निर्धारित नियमों का बहुत ही सख्ती से पालन होता है जिसके चलते निवेशकों का पैसा डूबता नही है। साथ ही DICGC के तहत बैंक के दिवालिया होने पर इंश्योरेंस क्लेम की सुविधा मिलती है। लेकिन दूसरी तरफ कॉरपोरेट एफडी में निवेश करना थोड़ा जोखिम भरा होता है।

ग्राहकों को यहां कोई इंश्योरेंस क्लेम की सुविधा नहीं मिलती है और अगर कंपनी डूब गई तो समझो आपका पैसा भी डूब गया। हालांकि अगर आप किसी अच्छी कंपनी के बीते 10 से 15 सालों के रिकॉर्ड को अच्छे से स्टडी करते हो और उसके भविष्य में ग्रोथ को समझते हुए निवेश करते हो तो जोखिम की संभावना काफी हद तक कम हो सकती है और इस तरह से कॉरपोरेट एफडी में निवेश करके लाभ कमा सकते हो।

Yogesh Yadav के बारे में
Yogesh Yadav मेरा नाम योगेश यादव है और पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा अनुभव 3 सालों से अधिक का है। खास तौर पर फाइनेंस विषय के बारे में लिखने में मेरी रुचि अधिक है। म्यूचुअल फंड, बिजनेस आइडिया, बैंकिंग और पोस्ट स्कीम के बारे में लिखना मुझे पसंद है। अतः TimesBull.com के द्वारा अब मैं अपनी सेवाएं दे रहा हूं। Read More
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