नई दिल्ली PPF Vs SIP Mutual Fund: वर्तमान में लोग ऐसी जगह निवेश करते हैं जहां पर उनको अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त हो सकें। इसके साथ में सेफ्टी भी प्राप्त हो सके। ऐसे में हम आपको पीपीएफ और एसआपी में निवेश का ऑप्शन बताने जा रहे हैं। ये अलग-अलग ऑप्शन हैं।
आपको बता दें पीपीएफ एक लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट स्कीम है। इसको सरकार की करफ से खासतौर पर डिजाइन किया गया है। इसके साथ में सेफ्टी और गारंटी के साथ में मोटा पैसा भी मिलता है। वहीं एसआईपी के द्वारा म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। ये स्कीम बाजार में लिक्ड होने की वजह से जोखिमभरी हो है। लेकिन लॉन्ग टर्म के बाद अच्छा खासा रिटर्न भी मिलता है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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पीपीएफ की डिटेल
पीपीएफ स्कीम 15 सालों में मैच्योर हो जाती है। मैच्योरिटी के बाद 5-5 सालों के ब्लॉक में एक्सटेंशन कराया जा सकता है। इसके साथ में इसमें 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। कंपाउंडिंग का लाभ मिलने से पैसा तेजी से बढ़ता है।
इस स्कीम में मिनिमम 500 रुपये और मैक्जिमम 1.5 लाख रुपये तक सालाना जमा किए जा सकते हैं। पीपीएफ को टैक्स सेविंग के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। इसमें ईईईई कैटेगरी के हिसाब से टैक्स सेविंग मिलती है। सरकारी बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस खाते को आराम से ओपन किया जा सकता है।
जानें एसआईपी के फीचर्स
एसआईपी मार्केट लिंक्ड हैं। एसआईपी के द्वारा म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। इसमें सीधेतौर पर स्टॉक में पैसे लगाने की तुलना में ये कम जोखिम भरा होता है। इसमें आपको रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का लाभ मिलता है। इस कारण से बाजार में गिरावट आने पर भी आप लॉस में नहीं जाते हैं।
मार्केट लिंक्ज होने की वजह से एसआईपी में गारंटीड रिटर्न तो नहीं है। लेकिन इसका औसतन रिटर्न 12 फीसदी माना जाता है। एसआईपी में 100 से 1 हजार रुपये और 500 रुपये से भी शुरु किया जा सकता है। आप इसे कम या लंबे समय के लिए चला सकते हैं। कभी रोक भी सकते हैं। या फिर क्लोज कर सकते हैं। एसआईपी में कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। एसआईपी जितना लंबे समय के लिए होगी कंपाउंडिंग का लाभ भी मिलेगा।
दोनों में 5000 रुपये के निवेश पर कितना मिलता है लाभ
अगर आप पीपीएफ और एसआईपी दोनों के रिटर्न को समझें तो यहां कैलकुलेशन से जान लें। और मान लें कि आप 5000 रुपये मंथली पीपीएफ में निवेश करते हैं और इतना ही पैसा हर महीने एसआईपी में लगाते हैं। दोनों को कुल 15 सालों तक जारी रख सकते हैं, दोनों में आपका निवेश एक समान होता है। आप सालाना 60 हजार रुपये का निवेश करेंगे तो इस प्रकार 15 सालों में दोनों स्कीम्स में कुल 9 लाख रुपये निवेश करेंगे।
आपको 15 सालों में 7.1 फीसदी के हिसाब से पीपीएफ पर कुल ब्याज 7 लाख 27 हजार 284 रुपये का मिलेगा और मैच्योरिटी की रकम 16 लाख 24 हजार 284 रुपये का मिलेगा। वहीं 12 फीसदी के हिसाब से एसआईपी में 15 सालों में 16 लाख 22 हजार 880 रुपये केवल ब्याज से ही प्राप्त होंगे। ऐसे में आपको 15 सालों के बाद कुल 25 लाख 22 हजार 880 रुपये प्राप्त होंगे।