नई दिल्ली Income Tax Slab: अगर आप इकमटैक्स का भुगतान करने के लिए जा रहे हैं। तो अगर आपने इस काम को नहीं किया है तो 31 जुलाई 2023 यानि कि आज के बाद से आपको फाइल के साथ में ITR भरना होगा। इसको लेकर टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ कर दिया है। आईटीआर भरने की डेडलाइन को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। ऐसे में आप ऑनलाइन तरीके से इस काम को पूरा कर सकते हैं। यदि आप खुद से आईटीआर फाइल करने के लिए जा रहे हैं। तो टैक्स रिजीम को सोच समझकर चुनें। क्यों कि टैक्स रिजीम में काफी अंतर होता है।
मान लिजिए आपकी सालाना इनकम 3 लाख 5 लाख, 7 लाख या फिर 10 लाख रुपये है, तो आपको इनकम टैक्स देना होगा या फिर नहीं। क्यों कि देश में दो तरह की टैक्स व्यवस्था लागू हैं। इसके लिए दोनों ही टैक्स स्लैब अलग-अलग हैं।
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न्यू टैक्स रिजीम
नए टैक्स रिजीम में साला में 7 लाख रुपये की इनकम पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता है। नए टैक्स रिजीम के तहत 5 स्लैब हैं। व्यक्तिगत आयकर में 0 से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर जीरो टैक्स लगता है। 3 से 6 लाख की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स, 6 से 9 लाख की इनकम पर 10 फीसदी, 9 से 12 फीसदी इकम पर 15 फीसदी टैक्स लगता है। 12 से 15 लाख रुपये की इनकम पर 20 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी इनकम टैक्स लिया जाता है।
नहीं मिलेगा डिडक्शन
लेकिन ध्यान रखें कि न्यू टैक्स रिजीम में किसी भी प्रकार के डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा। इसका अर्थ है कि आपकी कमाई 7 लाख रुपये सालाना है, तो नई टैक्स रिजीम में आपको 1 रुपये का भी टैक्स नहीं देना होगा। उससे ज्यादा की कमाई पर आपको तय दर के हिसाब से इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा।
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पुराना टैक्स रिजीम
वहीं पुराने टैक्स रिजीम में 2.5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होता है। 2.5 लाख से 5 लाख तक की इनकम परप 5 फीसदी टैक्स देना होता है। लेकिन सरकार इस पर 12.500 रुपये तक की छूट देती है। पुराना टैक्स स्लैब 5 लाख रुपये तक की इनकम पर आपको टैक्स देना होता है।
मिलेगी डिडक्शन की सुविधा
पुराने टैक्स स्लैब में डिडक्शन की सुविधा है। इसके तहत टैक्सपेयर्स को 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक का टैक्स लाभ मिलता है। इसके अलावा 50 हजार रुपेय तक का डिडक्शन, होम लोन, एनपीएस में निवेश पर एक्स्ट्रा 50 हजार रुपेय तक की छूट और मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर 75 हजार रुपये तक की छूट मिलती है।