नई दिल्ली Term Plan Tips: मौजूदा समय में इंश्योरेंस सभी के लिए जरुरी हो गया है। क्यों कि अचानक से किसी भी जरुरत को पूरा करने के लिए इंश्योरेंस काफी काम आता है। देश के ऐसे काफी लोग हैं जो कि बीमारी के इलाज के लिए लोन लेते हैं तो काफी लोग अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए लोन लेते हैं। लेकिन अगर आप इंंश्योरेंस प्लान खरीदने जा रहे हैं तो कुछ बातों को जरुर ध्यान में रखें। आज हम इस लेख की मदद से आपको इसके बेनिफिट के बारे में नहीं बल्कि उस बारे में बताने जा रहे हैं जब लोगों को क्लेम करने में समस्या आ जाती है। क्यों कि टर्म इंश्योरेंस प्लान तभी लेना चाहिए जब लोगों को सभी तरह की डेथ पर कवर दिया जाता है।
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टर्म इंश्योरेंस असल है जीवन बीमा
सबसे पहले ये समझ लें कि आखिरकार टर्म इंश्योरेंस क्या है और इसकी जरुरते क्या हैं तो आपको बता दें टर्म इंश्योरेंस ही सभी मायने में बीमा पॉलिसी धारक की मौत होने पर उसके परिवार की फाइनेंशियल परेशानियों को दूर करने के लिए सहायक साबित होता है। अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है तो डेथ कवर उसके नॉमिनी को दे दिया जाता है। एक्सपर्ट भी उसके परिवार की आर्थिक सेफ्टी के लिए अच्छा कवर के साथ में टर्म प्लान लेने की सलाह देते हैं।
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प्लान खरीदते समय इन बातों पर करें गौर
टर्म प्लान लेने के बारे में सोच रहे हैं तो फिर इसको लेने से पहले आपको इस बारे में हर नियम के बारे में हर एक जानकारी होना जरुरी है। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि टर्म प्लान हर तरीके से डेथ कवर नहीं करता है। इसमें पॉलिसी होल्डर की मौत पर क्लेम की रकम तभी मिलती है जब इसमें ये सभी चीजें शामिल होती है। इन कारणों से मौत होने पर बीमा कंपनी क्लेम देने से साफ मना कर देता है। टर्म प्लान नेचुरल डेथ, हेल्थ इश्यू, आदि के चलते बीमा कंपनी क्लेम देती है। इस प्लान के तहत काफी कारणों के चलते लोगों को कवर नहीं दिया जाता है।
इन कारणों में नहीं दिया जाता है कवर
इस टर्म प्लान को लेने वाले शख्स को एक्सीडेंट डेथ कवर दिया जाता है लेकिन ये उन मामले में मान्य नहीं होता है, जबकि पॉलिसी धारक को किसी भी प्रकार के नशे की हालत में ड्राइविंग के समय मौत हो जाती है। वहीं अगर पॉलिसी धारक को किसी तरह की ड्रग्स की लत है तो बीमा कंपनी क्लेम देने से साफ मना कर देती है। इसके अलावा टर्म प्लान लेने वाले शख्स की मौत किसी खतरनाक खेल या स्टंट के कारण से हुई है तब भी उसे क्लेम की रकम नहीं दी जाती है।