नई दिल्ली 7th Pay Commission Update: केंद्र सरकार ने पेंशन से जुडें नियम में एक जरुरी बदलाव करने का ऐलान कर दिया है। बता दें लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की है कि एक महिला सरकारी कर्मचारी या फिर पेंशनधारक अब वैवाहिक कलह के मामलों में अपने पति से पहले अपने बच्चों को परिवारिक पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती है।
इस समय सरकारी कर्मचारी की मौत होने के बाद पेंशन सबसे पहले उसके पति या फिर पत्नी को ही प्रदान की जाती है। सरकार के नए नियम से उन महिला कर्मचारियों को राहत दी है, जिनकी अपने पति के साथ नहीं बनती है। ऐसी महिलाएं अपने बच्चों के भविष्य को सेफ कर सकेंगी।
अभी क्या है नियम
पेंशन नियम 2021 के निय 50 के प्रावधानों के अनुसार, यदि किसी मृत सरकारी कर्मचारी या फिर पेंशनधारक के पति या पत्नी परिवार में है तो पहले पति या पत्नी को परिवारिक पेंशन प्रदान की जाती है।
इसके बाद ही बच्चे एवं परिवार के दूसरे सदस्य परिवारिक पेंशन के लिए पात्र होते हैं और ये तभी लागू होता है जब मृत सरकारी कर्मचारी या फिर पेंशनधारक के पति या पत्नी परिवारिक पेंशन के लिए भागीदार होते हैं या उनकी मौत हो जाए।
फटाफट जाने कब मिलेगी राहत
बता दें किसी भी सरकारी महिला कर्मचारी और पेंशन धारक तलाक की कार्यवाही में लंबित हैं या फिर सरकारी महिला ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया है
तो ऐसी सरकारी महिला पेंशनधारक अपनी मौत के बाद अपने पात्र बच्चों को परिवारिक पेशन देने के लिए नाम दे सकती है। बहराल इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं।
जहां पर मृत महिला सरकारी कर्मचारी या पेंशनधारक के परिवार में पति है और उसके बच्चे योग्य है ऐसे में बच्चों को परिवारिक पेंशन देनी होगी। वहीं मृत महिला के परिवार में विधुर पति है और महिला कर्मचारी की मौत की तारीख को कोई भी बच्चा परिवारिक पेंशन के योग्य नहीं है।
जहां मौत सरकारी महिला कर्मचारी या पेंशनधारक के परिवार में नाबालिग बच्चों के साथ में विधुर पति या मानसिक रुप से कमजोर बच्चे हैं ऐसे में परिवारिक पेंशन पति को मिलेगी। शर्त ये है वह बच्चे का पिता हो।
अगर बच्चा के माता-पिता नहीं है तो ऐसे स्थिति में पेशन उसको मिलेगी जो कि बच्चे की देखभाल करेगा। जब बच्चा बड़ा हो जाता है तो उसके बाद पेंशन की रकम बच्चे को मिलने लगेगी।