संतरे की पैदावार से किसान कमा रहे है लाखों रुपए, ऐसे होती है मोटी कमाई

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संतरे की पैदावार: शाजापुर जिले में संतरे की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है. यहां के संतरे की मांग पूरे देश में है. जिले का संतरा स्वादिष्ट और खट्टा-मीठा होता है. इस बार संतरे की बंपर फसल हुई है. पिछले दो वर्षों से मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण जिले में 80 प्रतिशत संतरे की फसल खराब हो गई थी. ऐसे में कई किसान निराश हो गए. लेकिन इस साल किसानों के बगीचों में पौधे संतरे से लदे हुए हैं.

किसान अपने ही खेत में लगे संतरे के बागों को बाहरी व्यापारियों को बेच देते हैं. व्यापारी फसल पकने का इंतजार करते हैं और फसल पकते ही उसे बेचना शुरू कर देते हैं. व्यापारी यहां से माल महाराष्ट्र, यूपी समेत अन्य राज्यों में भेजते हैं.

बड़ी मात्रा में संतरे का उत्पादन

शाजापुर जिले के किसान बड़ी मात्रा में संतरे का उत्पादन करते हैं. यहां के संतरे देश की बड़ी-बड़ी मंडियों में हाथों-हाथ बिकते हैं. यहां के संतरे अपने रंग और स्वाद के कारण अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. संतरे की फसल जनवरी से तैयार होने लगती है और मार्च तक जारी रहती है.

किसान विष्णु धाकड़ ने बताया कि संतरे का पौधा पांच साल में फसल देना शुरू कर देता है और पौधे की उम्र बीस साल होती है. संतरे में किसानों को ज्यादा निवेश नहीं करना पड़ता है, इसके अलावा अन्य फसलें भी खेत में उगाई जा सकती हैं.

शाजापुर के संतरे को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए वर्ष 2016 में संतरा उत्सव का भी आयोजन किया गया था. शाजापुर के संतरे को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए वर्ष 2016 में संतरा उत्सव का भी आयोजन किया गया था. ऑरेंज फेस्टिवल में सेमिनार के साथ-साथ प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए.

ऑरेंज फेस्टिवल में संतरे से बने उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. इसमें शाजापुर के किसानों द्वारा उत्पादित संतरे का प्रदर्शन किया गया. संतरे का जूस भी बिक्री के लिए रखा हुआ था.

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