नई दिल्ली EPS Pension Update: अगर आप ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद खास हो सकती है। आपको बता दें ईपीएफओ के नियम के मुताबिक कर्मचारी के साथ नियोक्ता के खाते में भी पेंशन फंड जमा किया जाता है। लेकिन नियोक्ता के अंशदान का एक भाग ईपीएस में जमा किया जाता है। ऐसे में कर्मचारियों की किस्मत खुलने वाली है। दरअसल ईपीएस में मूल वेतन का कंट्रूब्यूशन 8.33 फीसदी होता है। बहराल इसकी अधिकतम सीमा 15,000 रुपये है जिसके बाद पेंशन फंड में मैक्जिमम 1250 रुपये जमा किए जा सकते हैं।

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मौजूदा नियम के मुताबिक अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 15000 रुपये से अधिक है तो उसके खाते में 1250 रुपये पेंशन फंड जमा किया जाता है। अगर मूल वेतन 10 हजार रुपये है तो आपका कंट्रीब्यूशन 833 रुपये का होगा। जिसमें मैक्जिमम वेतन 15000 रुपये माना जाता है। जिसके बाद रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पेंशन स्कीम के तहत 7500 रुपये की पेंशन मिल सकती है।

ईपीएफओ के द्वारा तय की गई शर्तें

पेशन का लाभ उठाने के लिए आपको ईपीएफओ के सदस्य होना चाहिए। इसके साथ में कम से कम 10 रेगुलर रोजगार में होना चाहिए। इसमें आपको 58 साल की आयु में पेंशन फंड मिलता है। वहीं 50 साल के बाद और 58 साल की आयु से पहले भी पेंशन लेने का ऑप्शन होता है। अगर आपको कम पेंशन मिलती है तो इसके लिए 10D फॉर्म भरना होगा। नियम के मुताबिक, कर्मचारी की मौत होने पर परिवार के किसी एक सदस्य को पेंशन का लाभ मिलता है। अगर आपकी आयु 10 साल है तो उन्हें 58 साल की आयु में पेंशन की रकम निकालने का ऑप्शन मिलेगा।

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मूल वेतन पर निर्भर करती है पेंशन फंड की रकम

वहीं ईपीएफओक के मुताबिक कर्मचारियों को पेंशन फंड की रकम को मूल वेतन यानि कि 15,000 रुपये पर तय करती है। ऐसे में आपकी सैलरी चाहें जितनी भी हो पेंशन फंड की गणना 15,000 रुपये के आधार पर की जाती है। इसे हटाने के लिए कोर्ट में मामला चल रहा है।

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