नई दिल्ली: आज के इस आर्थिक दौर में हर काम में एक मोटी रकम की जरुरत होती है। जिसमें लोग अपने घर को खरीदने से बनवाने में खासतौर पर अच्छा खासा खर्च करना चाहते हैं। जिससे जमा पूंजी को खत्म हो जाती है। लेकिन कई लोगों को पता नहीं होता है कि बैंक घर के कई कामों से संबधित तरह-तरह के लोन देते है। जिससे अपने जरुररत के हिसाब से यहां पर लोन का फायदा उठा सकते हैं।
हर किसी के पास में इतनी मोटी रकम नहीं होती है, जिससे घर के काम करवा सकें, लेकिन जरुरत के वजह से जैसा घर में कोई काम में शादी या फिर कोई प्रोग्राम पर घर में कई तरह से चमकाना चाहते हैं। तो यहा पर जान लें कि बैंक से आप को 5 तरह के होम लोन मिलते है, जिससे अपने जरुरत के हिसाब से लाभ ले सकते हैं।
घर खरीदने के लिए होम लोन- अक्सर लोग अपने लिए नया प्लाट को खरीदते है, जिससे इस नए फ्लैट जो लोन लिया जाता है उसे होम परचेज लोन (Home Purchase Loan) कहा जाता है। यदि कोई नई प्रॉपर्टी खरीद रहा है तो पैसे कम पढ़ रहे हैं को बैंक से 90 फीसदी तक लोन मिल जाता है। बैंक आसानी से 80 फीसदी तक लोन दे देते हैं। लोन की अवधि 20 से लेकर 30 साल तक हो सकती है।
घर को बड़ा करने के लिए होम लोन- देखा जाता है कि लोगों के पास में कम पैसे होने पर कम पुरे प्लाट में कम मकान बनाते है, जिससे फिर से खाली पड़ें प्लाट में और बनवाना चाहते हैं, ये फिर मौजूदा घर के साइज को बड़ा करना चाहता है तो वह इसके लिए बैंक से लोन ले सकता है। इस लोन को होम एक्सटेंशन लोन कहते हैं।
घर निर्माण के लिए होम लोन- लोग अपने आशियाने यानि घर को बनावाने में काफी पैसा खर्च करते हैं। जिससे अगर आप अच्छी खासी कमाई कर रहे है सरकारी नौकरी में है तो घर कंस्ट्रक्शन करना चाहते हैं तो आप को पैसे के लिए बिल्कुल भी टेंशन लेने की जरुरत नहीं है। बैंक आसानी से होम कंस्ट्रक्शन लोन देते हैं। जिसे आप बैंक में आप्लाई कर सकते हैं।
होम रेनोवेशन लोन: अगर कोई व्यक्ति अपने मौजूदा घर में कुछ रेनोवेशन में घर मरम्मत, पेंटिंग या नवीनीकरण करना चाहता है तो इसके लिए बैंक से लोन ले सकता है। बैंक इसके लिए होम इम्प्रूवमेंट लोन देते हैं।
ब्रिज होम लोन– इसके अलावा बैंक ग्राहकों को एक तरह की और भी लोन की सुविधा देती है। जिसे ब्रिज होम लोन बोला जाता है। इस तरह का का लोन उस अवधि के लिए दिया जाता है जब तक कि मालिक नई संपत्ति खरीदने के बाद मौजूदा संपत्ति को बेच नहीं देता। यह होम लोन मौजूदा संपत्ति की बिक्री के लिए लगने वाले समय से उत्पन्न होने वाले धन अंतर को पाटने में मदद करता है।