नई दिल्ली : महाराष्ट्र की राजनीति(Maharashtra) इन दिनों गरमाई हुई है। महाराष्ट्र में इन दिनों लगातार अफरा-तफरी मची हुई है। महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात अभी भी ठीक नहीं हुए हैं। हाल ही में एनसीपी के प्रमुख शरद पवार(Sharad Pawar) ने इस्तीफा दिया है। वहीं दूसरी तरफ उद्धव गुट वाली शिवसेना के मुखपत्र सामना में शरद पवार(Sharad Pawar) को लेकर एक विवादित टिप्पणी की गई है। जिसमें कई बातों का जिक्र किया गया है ।
सामना में छपे लेख में लिखा गया है कि शरद पवार की स्थिति के पीछे हम इस दावे से सहमत नहीं है कि पवार साहब को 1 मई को यानी महाराष्ट्र दिवस के दिन ही रिटायर होना था। लेकिन मुंबई में महा विकास आघाडी की सभा होने की वजह से उन्होंने 2 मई को रिटायरमेंट की घोषणा की। इसके साथ ही लिखा गया कि पवार अपना भाषण लिखकर लाए थे ऐसा कभी नहीं होता है।
इसका अर्थ यह है कि उनका भावनात्मक आवाहन और स्थिति का मसौदा वह पहले से ध्यान पूर्वक तैयार कर के लाए थे और उसके हिसाब से उन्होंने सब कुछ किया। शरद पवार ने 80 वर्ष की उम्र कब की पार कर ली है बावजूद इसके वह सक्रिय राजनीति में है। पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी उन्हीं के नाम से खड़ी है और चल रही है।
पवार के इस्तीफे के बाद सभा ग्रह में उपस्थित लोग भावनात्मक हो गए। सामना में आगे लिखा है शरद पवार के इस्तीफा देने के बाद ही कई बड़े नेता रोने लगे और पवार के चरणों में पड़ गए। आपके बिना हम कौन , कैसे ऐसा विलाप किया।
लेकिन इन नेताओं में से कई नेता भाजपा की तरफ पहले ही जा चुके हैं और पार्टी को टूटता हुआ देखने की बजाय शरद पवार ने रिटायरमेंट लेना बेहतर समझा और उन्होंने ऐसा कदम उठाया। इसमें कोई गलत बात नहीं है। आपको बता दे इसके साथ ही इस लेख में शरद पवार के भतीजे अजित पवार पर भी निशाना साधा गया है। इसमें लिखा गया है कि अजित पवार का मुख्य लक्ष्य महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना है।