लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज यादव (Manoj Yadav) ने करणी सेना के विरोध प्रदर्शन को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि करणी सेना का विरोध प्रदर्शन एक सुनियोजित और प्रायोजित कार्यक्रम था, जिसे सरकार की मौन सहमति प्राप्त थी। उन्होंने कहा कि यह सब राजनीतिक लाभ के लिए किया गया, ताकि एक खास वर्ग को खुश किया जा सके और सपा नेताओं को निशाना बनाया जा सके। गौरतलब है कि यह विवाद राज्यसभा सांसद डॉ. रामजी लाल सुमन के एक कथित बयान के बाद शुरू हुआ था।

सख्त कार्रवाई नहीं कर सकते

करणी सेना ने लखनऊ में सुमन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें सपा अध्यक्ष के आवास के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी करने की कोशिश की गई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रवक्ता मनोज यादव ने कहा, “हमारे सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर जिस तरह की फोर्स तैनात की गई थी, अगर उसका आधा फोर्स भी उस विरोध कार्यक्रम को रोकने के लिए लगाया गया होता, तो शायद यह विरोध प्रदर्शन नहीं होता।” उन्होंने आगे कहा कि अगर सांसद ने कुछ गलत कहा था, तो सदन में प्रस्ताव लाकर लोकतांत्रिक तरीके से इसका जवाब दिया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे साफ है कि यह महज एक राजनीतिक चाल है। मनोज यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी सीधे सवाल किए। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ठाकुर हैं, करणी सेना के लोग भी ठाकुर हैं, इसलिए वह उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर सकते।

आवाज उठाने का रहा है

वह न तो गोली चलाएंगे और न ही बुलडोजर, क्योंकि उन्हें अपने वोट बैंक की चिंता है। यही वजह है कि जानबूझकर इस विरोध प्रदर्शन को होने दिया गया।” सपा प्रवक्ता ने कहा कि यह पूरा विवाद सपा को बदनाम करने और पिछड़े-दलित वर्ग के नेताओं की आवाज दबाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि करणी सेना का विरोध प्रदर्शन सरकार के संरक्षण में हो रहा है और इसके पीछे एक खास राजनीतिक रणनीति है। सपा प्रवक्ता मनोज यादव ने कहा कि रामजी लाल सुमन बहुजन समाज से आते हैं और सामाजिक न्याय की राजनीति करते हैं।

उनका राजनीतिक सफर हमेशा वंचितों और शोषितों की आवाज उठाने का रहा है। ऐसे में सपा उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन को जातियों के ध्रुवीकरण की कोशिश मान रही है। मनोज यादव ने आखिर में कहा कि सपा डरने वाली नहीं है और अपने नेताओं को पीछे हटने नहीं देगी। उन्होंने प्रशासन से पूछा कि प्रदर्शनकारियों को इतनी छूट क्यों दी गई, जबकि दूसरी तरफ सपा नेताओं के घरों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।

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