नई दिल्ली: आजकल शादियाँ (Marriage) जितनी भव्य होती जा रही हैं, खर्च भी उतना ही बढ़ता जा रहा है। यहाँ तक कि 10-20 लाख रुपए की भी कोई कीमत नहीं रह गई है। कई बार तो दूल्हे की माँगें पूरी करने के लिए दुल्हन के पिता को कर्ज लेना पड़ता है। इन महंगी शादियों के बीच आज भी कुछ ग्रामीण इलाकों में साधारण और पारंपरिक शादियों का चलन है, जहां पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए बेहद साधारण तरीके से विवाह संपन्न कराने का रिवाज है।

लड़की की शादी करनी होती है

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के धमतरी के भटगांव में रहने वाले गोरिया जनजाति के लोग आज भी अपनी सदियों पुरानी परंपरा को पीढ़ी दर पीढ़ी निभाते आ रहे हैं। गोरिया जनजाति में जब किसी लड़के या लड़की की शादी करनी होती है तो दोनों पक्ष महज 20 से 500 रुपये में रिश्ता तय कर लेते हैं। गोरिया जनजाति के लोग बताते हैं कि दूल्हे पक्ष की ओर से यह छोटी सी रकम देकर वे दुल्हन को अपनी बहू के रूप में अपने घर ले जा सकते हैं, शर्त सिर्फ इतनी है कि दुल्हन शादी के लिए तैयार होनी चाहिए।

कमरे में बंद कर देना

अनोखी बात यह है कि गोरिया जनजाति के लोग सालों से चली आ रही इस परंपरा को आज भी निभा रहे हैं। इनका कहना है कि शादी तय होने पर लड़की पक्ष को जो पैसे दिए जाते हैं, उसे वे हमेशा अपने पास जमा राशि की तरह रखते हैं। जब भी लड़की या लड़के पक्ष की ओर से रिश्ता खत्म किया जाता है, तो शादी के समय दी गई रकम लड़की पक्ष को मूल रूप में वापस करनी होती है। पैसे वापस करने के बाद लड़की पक्ष अपनी बेटी को वापस ले जाता है। वैसे तो गोरिया जनजाति में कई अनोखी परंपराएं निभाई जाती हैं, जिनमें सबसे अनोखी परंपरा है शादी से पहले लड़के और लड़की को एक कमरे में बंद कर देना।

अच्छी तरह जान सकें

इस परंपरा के अनुसार, शादी से पहले लड़के और लड़की को कुछ दिनों के लिए एक कमरे में बंद कर दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि शादी से पहले वे एक-दूसरे को अच्छी तरह जान सकें। आज के आधुनिक युग में गोरिया जनजाति की यह परंपरा थोड़ी काल्पनिक लग सकती है लेकिन जीवन साथी चुनने का यह तरीका अनोखा और अलग है, जिसे नई पीढ़ी ने भी स्वीकार किया है और अपनी संस्कृति और सभ्यता को बनाए रखा है।

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