नई दिल्ली: आज के समय में लोग क्रिप्टों की भाग रहे हैं, जिससे देश में भी ऐसी करेगीं की जरुरत होने लगी थी है, जो ऐसी करेंसी मार्केट में आए जिस पर RBI का कंट्रोल रहे हैं। तो वही हाल ही में RBI ने डिजिटल रुपये पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करने की घोषणा कर दी है। जिससे लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। इस काम में देश के कई बैंक का शामिल किया गया है। इसके बाद में इस डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट का इस्तेमाल बड़े सौदों के इस्तेमाल में किया जाएगा।
ऐसे ग्राहक जो IDFC फर्स्ट बैंक, ICICI बैंक, यूनियन बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, HSBC बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, तथा HDFC बैंक में खाता रखते हैं तो आप को को बड़ा लाभ मिलने वाला है। RBI ने डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट के लिए इन 9 बैंकों का चुनाव किया है।
RBI ने की बड़ी घोषणा
आप को बता दें सि 1 नवंबर से शुरू होने वाले इस पायलट प्रोजेक्ट का उपयोग पहले बड़े पेमेंट और सेटलमेंट होने लगा है। RBI ने कहा है कि सरकारी बॉन्ड आदि की खरीदारी तथा बिक्री आदि के निपटारे के तौर पर इसका इस्तेमाल सबसे पहले किया जाएगा। RBI ने इस बात की भी घोषणा की है की महीने भर के अंदर खुदरा लेनदेन के लिए भी डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।
आखिर क्या है डिजिटल रुपये
मौजुदा समय में क्रिप्टो करेंसी के बारे काफी जोर शोर चल रहा है। इसी बीच मोदी सरकार ने भी “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी” को लाने का ऐलान बजट सेशन में किया था। इसके बाद ही रिजर्ब बैंक ने डिजिटल रुपये लाने की बात कही थी येडिजिटल रुपयेह सामने आ पाई। आप को बता दें कि डिजिटल रुपये तथा क्रिप्टो करेंसी में काफी बड़ा अंतर है। क्रिप्टो करेंसी को जहां मान्यता प्राप्त नहीं है यानि इस पर कोई लगाम नही तो वही देश में शुरु हुई डिजिटल रुपये पर रिजर्ब बैंक की पकड़ होगी।
ये हैं डिजिटल रुपये के फायदें
- क्रिप्टो करेंसी के रेट हमेशा ही लगातार बढ़ता तथा घटता रहता है लेकिन डिजिटल रुपये के रेट में ऐसा कुछ नहीं होगा।
- क्रिप्टो करेंसी के पीछे कोई ठोस आधार नहीं होता है यानि की फ्रॉड हो सकता है।
- डिजिटल रुपये के मामले में ऐसा कुछ नहीं है इसके RBI के नियम लागू होगें।
- डिजिटल करेंसी के लिए कोई अलग से खाता नहीं खुलवाना पडेगा।