नई दिल्ली- पश्चिमी राजस्थान में ग्रामीण सीट के रूप में वर्गीकृत जायल विधानसभा क्षेत्र में पिछले 20 सालों से एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा विधायक जीतता आया है। यानी सत्ता लहर के साथी ही यासीन आती जाती रहती जायल विधानसभा क्षेत्र में अभी नागौर जिला में ही है हालांकि आसपास का क्षेत्र डिडीवान कुचामन जिले में चला गया है।
जायल विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी अनुसूचित जाति एससी की है।लेकिन यहां जीत और हार का गणित जाट तय करते है। दरअसल यहां दलित आबादी के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी जाटों की है। अनुसूचित सीट होने के चलते दलित वोट विभाजित हो जाता है। ऐसे में यहां जाग का निर्णायक भूमिका ज्यादा मानी जाती है।
बता दे की 1957 में पहले विधानसभा चुनाव में रामराज पार्टी की ओर से गंगा सिंह चुनावी मैदान में उतरे थे तो वहीं कांग्रेस ने मानक चंद कोठारी को टिकट दिया था। जल की जनता ने गंगा सिंह के पक्ष में 10145 मत दिए तो वही मानक चंद को 13156 मतों से जीत दिलाई गई। साथ ही मानक चंद को 50% से ज्यादा जनता का साथ मिला और वह जायल के पहले विधायक चुने गए।
लगातार चुनाव होते रहे अगर बात 2013 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मुकाबला मंजू वर्सेस मंजू ही था कांग्रेस ने फिर से मंजू में कहा वाल को टिकट दिया तो वहीं भाजपा ने मंजू बाघमार को चुनावी मैदान में उतार दिया हालांकि इस बार बीजेपी के मंजू की जीत हुई और 72738 वोटो के साथ वह विधानसभा पहुंच गई।
फिर समय आया 2018 के विधानसभा चुनाव का 2018 के विधानसभा चुनाव बेहद रोमांचक रहा इस चुनाव में मुकाबला सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी का ही नहीं था बल्कि यह मुकाबला त्रिकोणी था हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी यह ताल ठोक रही थी बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही थी बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी अपनी उम्मीदवारों को एक-एक बार रिपीट करते हुए कांग्रेस ने मंजू मेघवाल को टिकट दिया वहीं भाजपा ने मंजू वह मर को चुनावी मैदान में उतर जबकि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की ओर से अनिल चुनावी मैदान में उतरे इस चुनाव में कांग्रेस की मंजू मेघालय के पक्ष में 42% वोट डाले गए और 68415 मतदाताओं का साथ मिला तो वहीं भाजपा की मंजू को सिर्फ 20% लोगों ने समर्थन दिया जबकि आरएलपी के अनिल नई चुनौती के रूप में उभरे और उन्हें 31% मतदाताओं का समर्थन मिला यानी की 49811 मतदाताओं ने उनको वोट दिया इस चुनाव में कांग्रेस की मंजू मेघवाल की जीत शामिल हो गई और दूसरी बार राजस्थान विधानसभा पहुंच गई है।