रोहित ने कहा कि रवींद्र जडेजा ने कंडीशन को अच्छे से समझा था। रोहित ने कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने पिछले तीन टेस्ट मैचों में अच्छी गेंदों पर भी अपने स्ट्रोक खेले हैं, जिससे भारतीय गेंदबाजों को अपनी लाइन और लेंथ के साथ बहुत अनुशासित होने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
राजकोट में सपाट पिच पर इंग्लैंड पर रिकॉर्ड 434 रन की जीत के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने पिच को लेकर सवाल करने वालों को करारा जवाब दिया है। भारतीय कप्तान ने कहा है कि टीम इंडिया टर्निंग पिच समेत दुनिया के किसी भी सतह पर जीत दर्ज करने की क्षमता रखती है। भारत ने राजकोट में इंग्लैंड के सामने 557 रनों का लक्ष्य रखा था।
मैच में चार सत्र से अधिक का समय बचा था, लेकिन भारत ने 40 ओवर में ही इंग्लैंड की दूसरी पारी समाप्त कर दी। इंग्लिश टीम 122 रन पर सिमट गई। रोहित ने मैच के बाद कहा, ‘हमने पहले भी इस तरह की विकेटों पर काफी मैच जीते हैं। टर्निंग पिच हमारी ताकत है। यह हमें संतुलन देता है।
पिच पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है’
उन्होंने कहा, ‘हमने कई वर्षों तक ऐसी पिचों पर अच्छा प्रदर्शन किया है और भविष्य में भी हम टर्निंग पिचों पर जीतते रहेंगे, लेकिन हमारे पास कुछ चीजों पर नियंत्रण नहीं है। हम चर्चा नहीं करते हैं कि हम रैंक टर्नर चाहते हैं या नहीं। हम मैच से दो दिन पहले यहां आते हैं और दो दिन में हम पिच में कितना बदलाव कर सकते हैं।
क्यूरेटर तय करते हैं और पिच बनाते हैं। हमारे अंदर किसी भी विकेट पर खेलने और उस पर जीत दर्ज करने की ताकत है। जब हमने दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट मैच जीता था तो सभी जानते हैं कि वह किस तरह का विकेट था।
खिलाड़ियों ने सभी परिस्थितियों से उबरने का तरीका ढूंढा।
रोहित ने कहा कि भारतीय टीम ने पहले तीन टेस्ट में सभी परिस्थितियों से उबरने का तरीका ढूंढ लिया है। उन्होंने कहा, ‘पिछले तीन टेस्ट में हमने अलग तरह की चुनौती का सामना किया। पहले टेस्ट (हैदराबाद) में गेंद घूम रही थी और पिच धीमी थी। विशाखापत्तनम में यह कम था। जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा, विकेट धीमा होता गया।
राजकोट में पहले तीन दिन पिच ने अच्छा खेल दिखाया। चौथे दिन हमने देखा कि गेंद टर्न कर रही थी और नीची रह रही है। भारत में हमें इस तरह की पिचें मिलती हैं। लेकिन अगर हमें रैंक टर्नर मिलते हैं, तो हम उन पर भी खेलेंगे।’
रोहित ने कहा कि रवींद्र जडेजा, जिन्होंने पहली पारी में शतक (112) जड़ा और फिर दूसरी पारी में 41 रन देकर पांच विकेट चटकाए, ने कंडीशन को अच्छे से समझा था। कप्तान ने कहा, ‘हमने उन्हें इतने वर्षों में देखा है। वह परिस्थितियों को अच्छी तरह से समझते हैं। वह जानते हैं कि उनका खेल क्या है। राजकोट में भी उन्होंने कुछ अलग करने की कोशिश नहीं की। यह उनका घर है। इसलिए किसी और की तुलना में वह इन परिस्थितियों को बेहतर जानते हैं।’