युवराज सिंह को नफरत थी पिता योगराज से, फिर हुआ प्यार, किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है बाप बेटे की कहानी

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नई दिल्ली: भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके योगराज सिंह (Yograj Singh) किसी परिचय का मोहताज नहीं है। योगराज सिंह क्रिकेट का वो नाम है जिसकी आज एक कोच के रूप में खूब चर्चा हो रही है। जब से सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने रणजी में डेब्यू करते हुए शतक जमाया है, उसका क्रेडिट योगराज सिंह को ही दिया जा रहा है, क्योंकि योगराज ने ही अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar)  ट्रेनिंग दी थी। योगराज सिंह भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता है। आज हम योगराज और युवराज से जुड़ी हुई एक ऐसी कहानी बता रहे हैं, जिसे सुनकर आप काफी भावुक हो जाएंगे।

युवराज को नफरत थी पिता योगराज से

योगराज सिंह (Yograj Singh) एक क्रिकेटर कोच और एक अभिनेता के तौर पर कार्य कर चुके हैं पर वह एक पिता भी है। भारत के स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के पिता योगराज सिंह अनुशासन के मामले में काफी सख्त है, युवराज सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह अपने पिता से नफरत किया करते थे और वह योगराज सिंह को बिल्कुल पसंद नहीं करते थे। इसकी वजह भी युवराज ने बताई और कहा कि उन्हें जबरदस्ती क्रिकेट में धकेला गया था, योगराज सिंह का करियर बहुत ज्यादा लंबा नहीं चला, जिसकी वजह से योगराज दुखी रहा करते थे और उनका सपना था कि उनका बेटा युवराज क्रिकेट में बड़ा नाम कमाए। युवराज से जो उस वक्त अंडर फोर्टीन स्केटिंग में कई अवार्ड जीत चुके थे, योगराज ने उन्हें क्रिकेट के मैदान में लाकर खड़ा कर दिया जबकि युवराज इस बात से खुश नहीं थे पर युवराज के पिता योगराज ने उन पर सख्ती की और उन्हें अनुशासन के साथ कड़ी ट्रेनिंग देने लगे। उसी का नतीजा है कि युवराज सिंह भारत का बड़ा नाम बनकर निकले और 2007 विश्व कप और 2011 के वनडे विश्व कप में युवराज सिंह मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए। युवराज अपनी इस कामयाबी का क्रेडिट अब अपने पिता योगराज को ही देते हैं।

इंटरव्यू में युवराज का बड़ा खुलासा

अनुपम खेर (Anupam Kher) से एक इंटरव्यू में बात करते हुए युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने कहा कि ‘मेरे पिताजी ने जो मेरे साथ किया, वह कोई अपने बच्चे के साथ ना करे तो ही अच्छा है… लेकिन शायद मुझे क्रिकेट ही खेलना था। इसीलिए मेरे साथ वह सब कुछ हुआ। आज मैं जो भी हूं उसका क्रेडिट उन्हीं (पिता) को देना चाहिए।’ युवराज सिंह कहते हैं कि शायद किस्मत को यही मंजूर था इसलिए उनकी मर्जी के खिलाफ उन्हें क्रिकेट के मैदान में भेजा गया और उसके बाद क्रिकेट ही उनका जीवन बन गया और अब उन्हें क्रिकेट से बेइंतहा प्यार हैं। क्रिकेट ने ही उनको दौलत और शोहरत दी है शायद अगर उस दिन उनके पिता जबरदस्ती उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए ना कहते तो आज युवराज इतना बड़ा नाम ना बन पाते।

अर्जुन तेंदुलकर के शतक का क्रेडिट योगराज सिंह को

युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के पिता योगराज सिंह (Yograj Singh) इस समय चर्चा में है, क्योंकि योगराज ने ही एक कोच के तौर पर अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) को कोचिंग दी थी। जिसका नतीजा अर्जुन तेंदुलकर के डेब्यू शतक के तौर पर देखने को मिला। सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने योगराज से आग्रह किया था कि वह उनके बेटे को ट्रेनिंग दे। योगराज सिंह अर्जुन तेंदुलकर को सुबह 5:00 बजे उठा दिया करते थे और 2 घंटे दौड़ लगाते थे, इसके बाद वे उन्हें जिम में भी काफी ट्रेनिंग देते थे और उनके खेल पर काफी नजर रखते थे। अर्जुन तेंदुलकर ने जब शतक मारा तो उन्होंने अपनी सेंचुरी का क्रेडिट योगराज सिंह को ही दिया था।

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