शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग का 58वां मैच खेला गया जिसमें सनराइजर्स हैदराबाद और लखनऊ सुपरजायंट्स की टीमें आपस में टकराईं। 13 मई को हैदराबाद के राजीव गाँधी क्रिकेट स्टेडियम में इन दोनों टीमों की भिड़ंत हुई, जिसमें लखनऊ सुपरजायंट्स की टीम ने बाज़ी मारते हुए इस मैच में 7 विकेट से जीत हासिल कर ली। लेकिन, इस मैच में कुछ ऐसा हुआ जो क्रिकेट के नज़रिए से सही नहीं था। सनराइजर्स हैदराबाद और लखनऊ सुपरजायंट्स के बीच खेले गए इस मैच में हैदराबाद की टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज़ हेनरिक क्लासेन को आईपीएल आचार संहिता के तहत दोषी करार दिया गया और साथ ही मैच फीस का 10 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया। इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ को आईपीएल के आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए दोषी ठहराया गया है। हेनरिक क्लासेन ने 29 गेंदों पर 47 रनों की तेज़-तर्रार पारी खेली जिसकी बदौलत हैदराबाद की टीम 6 विकेट खोकर 182 रन बना पाने में कामयाब हुई थी। लेकिन इसके बाद लखनऊ सुपरजायंट्स की टीम ने 19.2 ओवेरों में ही इस लक्ष्य को अर्जित कर लिया।
मैदान पर अंपायर से हो गई थी बहस
दरअसल, नो बॉल को लेकर हैदराबाद की टीम के खिलाड़ी हेनरिक क्लासेन ने मैदान पर मौजूद अंपायर अक्षय तोत्रे से बहस कर ली थी। मैदानी अंपायर के द्वारा नो बॉल नहीं दिए जाने पर क्लासेन अपना आपा खो बैठे थे और अंपायर से बहस कर ली थी। अंपायर से बहस करने के बाद इस साउथ अफ़्रीकी खिलाड़ी ने प्रसारकों से भी बातचीत की और इसको लेकर नाराज़गी जताई। इंडियन प्रीमियर लीग से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, हेनरिक क्लासेन ने अनुच्छेद 2.7 के तहत ‘लेवल एक’ का अपराध किया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके अलावा, लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाड़ी अमित मिश्रा को भी उपकरणों के दुरूपयोग के लिए दोषी करार दिया गया है।
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