महेंद्र सिंह धोनी के 15 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में एक कामयाब विकेटकीपर-बल्लेबाज से लेकर क्रिकेट के महान कप्तान बनने की कहानी की पूरी दुनिया गवाह है, लेकिन इससे पहले भी धोनी से जुड़ी कई कहानियां लोगों के लिए आज भी अनसुनी हैं। जिओ सिनेमा एक्सपर्ट सबा करीम ने हाल ही में एक ऐसा ही किस्सा साझा किया है। जब पहली बार धोनी से उनकी मुलाक़ात हुई थी और रणजी ट्रॉफी में वह बिहार के लिए सेलेक्टर बनने पर उनकी प्रतिभा से परिचित हुए थे।
बेहद ख़ास थी मुलाक़ात
सैयद सबा करीम ने बताया कि पहली बार जब उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को देखा, तो यह रणजी ट्रॉफी में माही का दूसरा साल था। वह तब बिहार की तरफ से खेलते थे। उन्होंने धोनी को बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग करते हुए देखा था और उन्हें अब भी याद है जब माही बल्लेबाजी कर रहे थे, तो उनमें वह टैलेंट था, जिस पर बाद में सबका ध्यान गया। स्पिनर और तेज गेंदबाजों को धोनी बड़े-बड़े शॉट लगाते हुए देखे गए थे।
सबा करीम ने आगे बताया कि दूसरी तरफ विकेटकीपिंग के लिए जिस तरह का फुटवर्क होना चाहिए धोनी में वह ज़रा कम थी। उन्होंने उस वक़्त धोनी के साथ इस चीज़ पर काम किया था और अब इसी से धोनी की महानता साबित होती है कि उन्हें जो सिखाया गया था वह आज भी उन्हें याद है।
यह महेंद्र सिंह धोनी के करियर का एक अहम मोड़ था, जहां से वह वास्तव में आगे बढ़ चले। सबा करीम ने कहा कि एकदिवसीय मुकाबलों में उन्होंने एम एस धोनी से ओपनिंग कराना शुरू किया क्योंकि उनकी बल्लेबाजी काफी अच्छी थी और वह तेजी से रन भी बनाते थे। इस बातचीत में सबा करीम ने धोनी से जुडी हुई और भी कई बातों का ज़िक्र किया। ज़ाहिर सी बात है कि धोनी जिस तरह के खिलाड़ी और कप्तान हैं उसमें सालों की उनकी कड़ी मेहनत नज़र आती है।