ओ तेरी, देश के इस गांव में कपड़े नहीं पहनतीं महिलाएं! निभाना होता है ये कठिन रिवाज, पति – पत्नी रहते हैं दूर!!

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Unique Village : समय के साथ-साथ फैशन में भी काफी ज्यादा ज्यादा बदलाव देखने को मिला है। पूरी दुनिया में फैशन का एक अलग ही चलन चल रहा है। फैशन के नाम पर आजकल अजीबोगरीब कपड़े देखने को मिलते हैं, जिन्हें देखने के बाद लोग हैरान रह जाते हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो तरह – तरह के स्टाइलिश कपड़े पहनने के शौकीन होते हैं, जो कोई भी कीमत देने को तैयार होते हैं। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें कपड़े पहनना पसंद ही नहीं होता है। हम ये बातें आज इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि एक ऐसा गांव है, जहां की महिलाएं कपड़े नहीं पहनती हैं।

नहीं नहीं… ऐसा नहीं है…. इस गांव की महिलाएं साल में 5 दिन कपड़े नहीं पहनती हैं। अब आपके दिमांग में कई तरह के सवाल घूम रहे हैं, जैसे महिलाएं बिना कपड़ा पहनने घर से बाहर कैसे निकलती है? या महिलाओं को शर्म नहीं आती है क्या बिना कपड़ों के? हम जिस जगह की बात कर रहे हैं वो हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का पिनी गांव है।

बिना कपड़ों के रहती हैं महिलाएं!

पिनी गांव में, यह त्योहार होता है, जहां महिलाओं को पांच दिनों तक कपड़े पहनने की अनुमति नहीं है। एक और अजीब परंपरा यह है कि उत्सव के दौरान महिलाओं को हंसने या मुस्कुराने की भी अनुमति नहीं है। जी हां, सावन के महीने में होने वाले इस 5 दिवसीय उत्सव के दौरान महिलाएं पूरी तरह से नग्न रहती हैं और गांव के पुरुषों के सामने नहीं आती हैं और उन्हें घर के अंदर ही बंद कर दिया जाता है। महिलाये घर के अंदर रहकर ही इस प्रथा को आगे बढाती हुईं आ रही हैं। इन 5 दिनों के दौरान महिलाओं को घर से बाहर निकलने से मनाही होती है, यानी कोई भी पुरुष ऐसे महिलाओं को देख नहीं सकता है।

पति-पत्नी आपस में नहीं करते हैं बातचीत

पुरुष भी इस दौरान कुछ नियम का पालन करते हैं. जैसे कि वो शराब और नॉन वेज का सेवन नहीं करते हैं। सबसे गौर करने वाली बात यह है कि इन पांच दिनों तक पति-पत्नी आपस में बातचीत भी नहीं करते हैं। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है. यहां के लोग सख्ती से नियम का पालन करते हैं। इन पांच दिनों तक कोई भी बाहरी शख्स गांव के भीतर कदम नहीं रख सकता है।

यह आयोजन इस गांव में उस क्षण की याद में आयोजित किया जाता है जब लाहू घोंड देवता ने भाद्रब महीने के पहले दिन एक राक्षस को हराया था। ऐसा माना जाता है कि दानव ने महिलाओं की लज्जा पर हमला किया था, उनके कपड़े फाड़ दिए थे और शायद यही कारण है कि इन गांवों में महिलाएं त्योहार के दौरान कपड़े नहीं पहनती हैं। गांव वालों के अनुसार, अगर इस परंंपरा का पालन नहीं किया जाता है तो महिलाओं के साथ कुछ दिनों के अंदर बहुत बुरा हो जाता है। यदि पुरुष इस प्रथा को फॉलो नहीं करते हैं , तो देवता नाराज़ हो जाते हैं।

हालांकि, कथित तौर पर समय के साथ, गांव की महिलाओं की कुछ युवा पीढ़ियों ने इस परंपरा को बदल दिया है और इस अवसर के दौरान बहुत पतले कपड़े पहनती हैं, जबकि बड़ी महिलाये अभी भी त्योहार के दौरान नग्न होने की परंपरा का पालन करती हैं।

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