नई दिल्लीः मालदीव में जब से चीन समर्थित सरकार बनी है तभी से भारत के संबंधों में काफी खटास दिखाई दे रही है। भारत और मालदीव के रिश्तों में इन दन काफी अस्थिरता दिख रहा है, जिसके कुछ नेता पीएम मोदी की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। भारत सरकार ने भी मालदीव को सबक सिखाने के लिए पर्यटकों के लिए लक्षद्वीप घुमने का इशारा किया है। भारत के बड़ी संख्या में लोग मालदीव घूमने जाते हैं, जहां लाखों रुपये का खर्च कर आते हैं। इतना ही नहीं मालदीव की अर्थव्यवस्था में भारत का काफी योगदान है।
मालदीव की नई नवेली सरकार के कुछ नेताओं ने भारत पर निशाना साधने के बाद वहां का विपक्ष लगातार हमलावर है। दोनों देशों के बीद बेतुकी बयानबाजी से भारत में बॉयकॉट मालदीव शुरू हो गया। लोगों ने मालदीव के लिए प्लाइट और होटल तक कैंसिल करवा दिए, जिससे इकोनॉमिक का नुकसान होने अभी से शुरू हो गया है।
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इस बीच मालदीव के कई बड़े नेताओं ने भारत सरकार और पीएम मोदी का समर्थन किया। इतना ही उन नेताओं ने आपत्तिजनक बयान की कड़ी निंदा भी की है। मालदीव के कुछ दिग्गज नेताओं का कहना है कि राजनीतिक संकट हो गया फिर आर्थिक सहायता में जब-जब मालदीव को सहायता की जरूरत थी, तब तब-तब भारत उसके साथ खड़ा नजर आया। 2020 में जब कोरोना महामारी का संकट पूरी दुनिया पर छाया हुआ था।
मारिया अमहद दीदी ने भारत का किया सपोर्ट
दोनों देशों के बिगड़ते रिश्तों के बीच मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी ने भारत मददगार मुल्क बताया है। उन्होंने कहा कि देश की ‘911 कॉल’बताते हुए तमाम बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर है। मालदीव सरकार की अदूरदर्शिता को दिखाता है। मारिया अहमद दीदी ने भारत को विश्वसनीय सहयोगी बताते हुए कहा कि रक्षा सहित विभिन्न सेक्टर्स में जब भी मालदीव को सहायता की जरूरत है। भारत ने हमेशा साथ देने का काम किया है। इसके साथ ही मरिया अहमद दीदी ने कहा, हम एक छोटा देश हैं और सभी के साथ हमारी दोस्ती है। हम इससे इनकार नहीं कर सकते।
मूसा जमीर भी भारत के समर्थन
इसके साथ ही मोहम्मद मुइज्जू सरकार में विदेश मंत्री मूसा जमीर भी भारत और पीएम मोदी का खुपकर समर्थन कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी अस्वीकार्य। यह जो बोला गया वैसा मालदीव सरकार का मानना नहीं है। परस्पर सम्मान और समझ के आधार पर हम सभी के साथ और खासतौर से अपने पड़ोसियों के साथ सकारात्मक एवं रचनात्मक संवाद के लिए प्रतिबद्ध हैं।