नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में शनिवार को दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य शुरू किया। आपको बता दें कि इससे पहले टीम ने शुक्रवार को वैज्ञानिक प्रशिक्षण का काम शुरू किया था। शनिवार से मुस्लिम पक्षी एएसआई की कार्यवाही में हिस्सा लेगा। मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने कहा हम एएसआई सर्वेक्षण से संतुष्ट है। कल हम भाग नहीं ले रहे थे लेकिन आज हम भाग ले रहे हैं और एएसआई टीम की सहायता कर रहे हैं।
आपको बता दें कि शुक्रवार को ऐसा ही नहीं ज्ञानवापी परिषद के चारों और बाहरी हिस्सों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की करीब 7 घंटे चले पहले दिन के सर्वे में एसआई का ज्यादातर वक्त परिषद की आकृति और इमारत की छाया चित्र लेने में लगा। एएसआई ने चारों तरफ से 35 टीमें लगाई थी। जबकि आईआईटी के एक्सप्रेस को जोड़कर कुल 41 लोगों की टीम थी।
बता देती मस्जिद केयरटेकर रिचार्ज अहमद के आज मस्जिद तलाक खोला गया है। उसके बाद एएसआई की टीम ने मस्जिद के अंदर प्रवेश किया। वजू खाने को छोड़कर आज मस्जिद के अंदर भी सर्वे की कार्यवाही होगी। इससे पहले तक मस्जिद का रकबा नंबर 9130 के वेरीगेटेड एरिया में सर्वे की कार्यवाही हो रही थी।
आपको बता दे कि आज से तहखाना की सफाई शुरू की जाएगी इसके लिए नगर निगम की टीम को लगाया जाएगा। तहखानों में गंदगी और मालवा का ढेर होने की वजह से अभी लंबाई चौड़ाई मापने का काम शुरू नहीं हो पाया है।
आज यानी शनिवार को मुस्लिम पार्क के कब्जे वाला से खाना भी खुलेगा क्योंकि इसकी चाबी मुस्लिम पक्ष के पास है। और उन्होंने अभी तक सर्वे में हिस्सा नहीं लिया। आज से मुस्लिम पक्ष भी इस कार्यवाही में शामिल होगा।
गौर तरफ है कि वाराणसी की जिला अदालत ने 21 जुलाई को एएसआई को निर्धारित करने के लिए सर्वेक्षण का निर्देश दिया था कि क्या मस्जिद पहले से यहां मौजूद है। या फिर पहले से मौजूद मंदिर पर मस्जिद बनाई गई थी इस फैसले को अंशुमन अंत जामिया मस्जिद समिति इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। लेकिन इसके पहले गुरुवार को याचिका खारिज कर दी गई थी। उसके बाद या मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया था। जिसने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी कि एएसआई को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी।