नई दिल्लीः चक्रवाती तूफान मिचौंग ने दक्षिणी राज्यों के कुछ हिस्सों में ऐसी तबाही मचाई कि गांव और शहर भी टापू से नजर आ रहे हैं। हर जगह सड़क पर जलभराव होने से राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में तो तूफान और भारी बारिश होने से अब तक 8 लोगों की मौत भी हो गी है, जहां हालात बद से बदतर बने हुए हैं। जिन सड़कों पर वाहन दौड़ने चाहिए वहां लोग बोट का सहारा लेकर निकल रहे हैं। बिगड़ते मौसम ने जिंदगी में अस्थिरता बढ़ा दी है।
Maruti Suzuki Swift 2024: Booking, features, launch date and price
2024 Bajaj Pulsar 125: Powerful bike with powerful updates!
दूसरी ओर उत्तर भारत के पहाड़ी हिस्सों में बर्फबारी होने से लोगों का जीना ही हराम हो गया है। देश की राजधानी दिल्ली के आसपास के इलाकों में लगातार तापमान गिरने से सर्दी का सितम बढ़ता जा रहा है, जिससे लगोों कंपकंपी बंधी है। इस बीच भारतीय मौसम विभाग(आईएमडी) ने देश के कई राज्यों में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी कर दी है।
इन हिस्सों में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज
आईएमडी के अनुसार, दिसंबर के पहले सप्ताह में दक्षिण राज्य के अधिकतर इलाके चक्रवाती तूफानी मिचौंग की चपेट में है। इससे कई जगह भारी बारीश और तेज हवा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज हवाओं के चलते जहां-तहां झमाझम बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
इसके अलावा दिसंबर से अगले साल यानी फरवीर के बीच मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की उम्मीद है, जिससे सर्दी काफी तांडव मचाने वाली है। मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर के अधिकांश हिस्सों में समुद्री सतह का तापमान यानी सरफेस तापमान औसते काफी ऊपर चलने की संभावना जताई जा रही है।
जानिए कम सर्दी का कारण
बीते साल के अपेक्षा इस बार सर्दी का प्रकोप काफी कम देखने को मिल रहा है। इससे देश के अधिकतर हिस्सों में कड़ाके की धूप खिली रहने से दोपहर के समय में गर्मी भी झेलनी पड़ रही है। कुछ एक्सपर्ट के अनुसार, उत्तरी हिमालयी हिस्सों से एक पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है। बंगाल की खाड़ी में एक तगड़ा दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
यह समुद्री तूफान में बदलने वाला है। दोनों की ओर से नमी के साथ आ रही हवाएं मध्य भरात में टकराती दिख रही है। 5 दिसंबर तक मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। इसके साथ ही दो हफ्ते बाद दक्षिण भारत को छोड़ा बाकी इलाकों में मौसम साफ रहने की उम्मीद है।