नई दिल्लीः कहने के लिए तो पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, लेकिन सभी ज्यादा चर्चा राजस्थान की हो रही हैं। राजस्थान में वैसे तो कई राजनीतिक दल चुनावी ताल ठोक रहे हैं, लेकिन मुख्य लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही मानी जा रही है।
कांग्रेस तो सीएम अशोक गहलोत द्वारा कराए गए विकास कार्यों पर वोट मांग रही है, लेकिन बीजेपी के पास अभी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं है। बीजेपी के पास कोई सीएम चेहरा ना होना भी विपक्षी पार्टी को निशाना साधने का मौका दे रहा है।
दूसरी ओर राजस्थान की पूर्व सीएम और बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे इस बार काफी सुस्त नजर आ रही हैं। वसंधरा राजे के चेहरे पर पहले की तरह वो मुस्कुराहट नहीं है। वैसे बीजेपी ने उन्हें खुश रखने के लिए चालीस स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल तो किया गया है, लेकिन फिर भी उन्हें नजरअंदाज किया जाता रहा है। इस बीच वसुंधरा राजे ने एक चुनावी रैली में बड़ा बयान देकर हलचल पैदा कर दी है।
वसुंधरा राजे ने दिया बड़ा बयान
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक बड़ा बयान देकर सियासी गलियों में नई हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने झालावाड़ की एक रैली में सन्यास लेने की बात कही। राजे ने कहा कि मेरे बेटे (सांसद दुष्यंत सिंह) की बात सुनने के बाद मुझे लगता है कि मुझे संन्यास ले लेना चाहिए।
आप सभी ने उसे इतनी अच्छी तरह प्रशिक्षित किया है कि मुझे उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी विधायक यहां हैं और मुझे लगता है कि उन पर नजर रखने की कोई अब आवश्यकता नहीं है। क्योंकि वे अपने दम पर लोगों के लिए काम कर सकेंगे। चुनावी मंच से वसुंधरा के इस तरह के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसके बाद सवाल पनप रहा है कि क्या वसुंधरा राजे अब सन्यास लेने जा रही हैं। इके बाद ही सीएम उम्मीदवारी को मजबूत करने के लिए इमोशनल कार्ड खेलने की जरूरत है?
एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बीजेपी के 182 घोषित टिकटर में करीब 50 से ज्यादा पूर्व सीएम के करीबियों का नाम है। इसके साथ ही इस हिसाब से वसुंधरा राजे की बात को हाईकमान ने सर्वोपरि माना है।
कैलाभ मेघवाल समेत कई ऐसे नेता भी हैं, जो बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद भी निर्दलीय चुनाव जीतने की ताकत रखते हैं। इस स्थिति में राजे गुट के विधायकों की संख्या बाहर और अंदर महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। इसके साथ ही ऐसे में उनके रिटायरमेंट वाले बयान को उनके सन्यास लेने के ऐलान से नहीं देखा जा सकता है।