नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एमपी एमएलए कोर्ट मे शनिवार को बाहुबली मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई या पेशी फर्जी एंबुलेंस मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश कमलाकांत श्रीवास्तव की कोर्ट में हुई इसमें वादी मुकदमा तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह से जीरा हुई। लेकिन समय के अभाव के चलते जीरा पूरी नहीं हो सकी है। इसलिए मुकदमे की अगली तारीख 24 अगस्त लगाई गई है।
बता दे कि शनिवार को विशेष सत्र न्यायाधीश कमला कांत श्रीवास्तव ने गंगेश्वर के एक मुकदमे में दूसरे गवाह तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह को समन भेजकर कोर्ट में तलब किया था सम्मान पाकर पंकज सिंह कोर्ट में हाजिर हुए कोर्ट ने पूछा कि आप को एंबुलेंस फर्जी पंजीकरण की जानकारी कैसे हुई। जिस पर पंकज सिंह ने बताया कि मीडिया और अखबारों के माध्यम से पता चला जिस पर जांच के बाद अगर नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया था। वही पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी कोर्ट में अपने आप को बेगुनाह बताता रहा।
कोर्ट में जीरह शुरू हुई तो बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में कार्यवाही पर खुद नजर बनाया हुआ था दूसरे गवाह की जिरह के दौरान मुख्तार अंसारी बार-बार यही कहता रहा कि यह मुकदमा फर्जी है। मैं 18 साल से जेल में बंद हूं। जेल से कैसे गैंग बनाकर चला सकता हूं। मुख्तार अंसारी विभाग की तरह कोर्ट में चिल्लाता रहा लेकिन गवाह अपने बयान से नहीं मित्र और गवाह ने मुकदमा दर्ज करने का पूरा मामला कोर्ट में बताया है।
मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि मुकदमे के दूसरे गवाह तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह हाजिर हुए उनकी मुख्य परीक्षा के बाद भी हर शुरू हुई। लेकिन वक्त की कमी की वजह से जहर पूरी नहीं हो पाई है। अब इनमें 24 अगस्त को तारीख की गई है जिसमें जिला होगी मुकदमे में गवाहों के बयान से यह बात सामने आ रही है। कि यह मुकदमा चलाए जा रहे हैं तो वही मीडिया रिपोर्टर के आधारित है। इससे अतिरिक्त इनके पास कोई सबूत है।
आपको बता दें कि 2 अप्रैल 2021 को बाराबंकी तत्कालीन आरटीओ पंकज सिंह की तहरीर पर नगर कोतवाली में धारा 419 420 467 468 471 के संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था पंजाब में अस्पताल से जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था उस एंबुलेंस का फर्जी पंजीकरण बाराबंकी संभागीय विभाग में हुआ था। मुकदमे की मुख्य आरोपी डॉ अलका राय के नाम पर एंबुलेंस का पंजीकरण दर्ज था। नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था बाद में तफ्तीश के दौरान मुख्तार अंसारी और उसके गुरु के नाम मुकदमा बढ़ाए गए थे।