नई दिल्ली: हमारे देश में कुछ राज्य ऐसे हैं जहां बहुपति विवाह का चलन प्राचीन काल से चलते आ रहा है। इनमें दो राज्यों की भूमिका सबसे ज्यादा शामिल है अरुणाचल और हिमाचल प्रदेश। इन्हीं 2 राज्यों से सबसे ज्यादा बहुपति विवाह होने की खबरें सामने आती हैं। बीते कुछ सालों से अब तो यह दावा किया जा रहा है कि इन दोनों राज्यों में भी बहुपति विवाह का चलन लगभग खत्म हो गया है। हालाकि ऐसा माना जा रहा है कि अभी भी वहां इस तरह की शादियां करवाई जाती है लेकिन लोग अब इसकी खुलकर चर्चा नहीं किया करते है और छिपा कर रखते हैं।
पूरी दुनिया में तिब्बत एकमात्र ऐसा देश है जहां पर अभी भी बहुतपति विवाह का चलन लंबे समय से चलता आ रहा है। आजीविका की साधनों की बेहद कमी है इस छोटे से देश में। वही यहां के नागरिकों को हमेशा चीन के द्वारा सताया जाता है। यही एक कारण है कि इस तिब्बत में हर एक परिवार से एक नागरिक बौद्ध भिक्षु का रूप धारण कर लेता है।
बहुपति विवाह को लेकर तिब्बत से कई बार चौंकाने वाली खबरें सामने आई है। दरअसल बहूपति विवाह में कई सारे भाइयों की शादी एक ही स्त्री से होती है। हालांकि शादी के वक्त सारी रस्में तो बड़ा भाई निभाता है लेकिन जिस लड़की से विवाह होता है वो घर में मौजूद सभी भाइयों की पत्नी कहलाती है।
इसमें सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पत्नी को यह तक पता नहीं चल पाता है वह किस भाई के बच्चे की मां बनने वाली है या बन चुकी है।
इसीलिए इस पत्नी से हुए संतान को सभी भाइ बिल्कुल अपने ही बच्चे की तरह मानते हैं और उसका पालन पोषण किया करते हैं। इस शादी को लेकर आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि ये कैसे तय किया जाता होगा कि पत्नी किस के साथ कमरे में रात बिताएगी। इसके लिए भी वहां अलग तरह का एक नियम बनाया गया है। जैसा की शादी में सारी रस्में बड़ा भाई निभाता है वैसे ही बिल्कुल शादी के कुछ दिनों बाद तक सबसे पहले बड़े भाई ही पत्नी के साथ समय बिताता है। इसके बाद एक टोपी के जरिए ये निर्णय लिया जाता है कि दुल्हन के साथ अगला वक्त कौन बिताएगा। जी हां टोपी के ही जरिए यह तय किया जाता है कि अगली बार कमरे में पत्नी के साथ कौन रहेगा। जो भी भाई दुल्हन के साथ समय बिताता है वह अपनी टोपी इसके बाद दरवाजे पर टांग देता है। जब तक टोपी अपनी जगह से हटती नहीं है तब तक पत्नी के साथ कोई दूसरा भाई उसके कमरे में नहीं जाता है।
हालांकि अब तिब्बत जैसी जगहों पर भी बहुपति विवाह का चलन बहुत कम हो गया है। अगर यहां के कुछ लोग बहुपति विवाह करते भी हैं तो इसकी जानकारी अब वह किसी को नहीं देते इसे छुपाकर ही रखते हैं।