नई दिल्ली– पूरे देश में सेम सेक्स मैरिज को लेकर मान्यता दिए जाने की मांग उठ रही है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में 18 याचिकाएं दाखिल की गई है। जिसको लेकर आज सुनवाई होनी है। इसका क्या मतलब है। और किस तरीके की चीजों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हम आपको विस्तार से एक-एक चीज नीचे बताते हैं।
जानकारी के अनुसार आपको बता दे की भारत सरकार के विरोध के बाद 18 याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई इन 18 याचकाओं पर आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा इसे लेकर आज चर्चा की जाएगी। सेम सेक्स मैरिज की मांग भारत के हर शहर से उठ रही इसे लेकर भारत सरकार की तरफ से विरोध जताया गया कि केंद्र सरकार समलैंगिक शादी को अलग विचार और शहरी सोच करने को करार दे रही है।
आप भारत की जनता की नजर सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई जिस तरीके से 2018 से लेकर अभी तक इसको लेकर अवैध करार देने के मांग की जा रही लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि सरकार का कहना है। कि देश की संस्कृति और सामाजिक ताने-बाने में चली आ रही मान्यताओं के चलते इस मुद्दे को सटीक नहीं माना गया इसलिए केंद्र सरकार इसका विरोध कर रही है।
साल 1860 की बात करें तो यहां पर भारत में ब्रिटिश सरकार के समलैंगिक द्वारा किए गए शारीरिक संबंधों को अपराध घोषित किया गया था। 1860 के दौर पर शारीरिक संबंध बनाना एक बड़ा अपराध जो भी शारीरिक संबंध बनाता था उसे दंडात्मक कार्यवाही से होकर गुजरना पड़ता था। लेकिन भारत ब्रिटिश की दंड और संविधान के दोनों प्रस्ताव में भारत की आजादी के बाद नियमों को बदल गया यही नहीं हम आपको यह भी बता देगी इंग्लैंड में 1967 और 2014 में सेक्स शादी की मान्यता दे दी गई थी।
अब तक कि अगर बात की जाए तो शादीशुदा पति-पत्नी हो या फिर एक अकेली महिला या फिर एक अकेला पुरुष बच्चे को गोद ले सकता है। और जो पति अकेले या फिर पत्नी अकेले रहती है। वह बच्चे को गोद लिए जाने के लिए एक अलग नियम से गुजरना पड़ता है।
आज सुप्रीम कोर्ट पर सबकी नजर टिकी हुई और हर कोई यह जानना चाहता है। कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आज क्या फैसला सुनाया जाएगा और किस तरीके की चीज निकल कर सामने आने वाली है। क्या सेक्स मैरिज पर फैसला पॉजिटिव आएगा या फिर केंद्र सरकार की तरफ से जो विरोध जताया गया है। उसका भी सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा यह आने वाला समय बताएगा फिलहाल भारत की जनता की नजर इस पर टिकी हुई है।