Ram Navami Ayodhya Surya Tilak: रामनवमी का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम से मानाया जा रहा है, जहां भक्त पूजा-पाठ कर मंदिरों में प्रसाद अर्पित कर रहे हैं। इस बीच अयोध्या में बने श्री राम मंदिर में अद्भउत नजारा देखने को मिला। पावन अवसर पर अयोध्या मंदिर में विराजमान हुए रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरण को पहुंचाया गया। यह किरणें वैज्ञानिक दर्पण के तहत मस्तक तक पहुंचाई गई। इस नजारे को जिसने भी देखा हैरान रह गया।
करीब 4 मिनट तक भगवान राम के ललाट की शोभ 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी और भी भक्तिमय बना बना दिया।
इस नजारे को री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक हुआ है। रामनवमी पर अयोध्याम में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने बड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कहा कि व्यवस्था पहले से ही की गई है, जिस इलाके के दो सेक्टर में विभाजित किया है।
इन बजे शुरू हुए दर्शन
रामनवमी के मौके पर रामलला के दर्शन सुबह साढ़े बजे शुरू हो गए हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने एक्स (पहले ट्वीटर) पर तस्वीरें शेयर करते हुए बड़ी बात लिखी है। श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गाय है।
वहीं, श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी बड़ी जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है।
त्रेता युग में प्रभूम राम ने लिया था अवतार
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा था कि भगवान राम ने त्रेता युग में जन्म लिया था। उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत रहा था।